Giridih : गिरिडीह (Giridih) नगर निगम प्रतिनियुक्ति के भरोसे चल रहा है. निगम में तकनीकी अधिकारियों की घोर कमी है. इससे कई जरूरी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. फिलहाल नगर निगम में आठ सहायक और कनीय अभियंता दूसरे विभाग से प्रतिनियुक्त किए गए हैं. नगर निगम में शुरू से ही तकनीकी अधिकारियों की कमी रही है. इसके चलते निगम क्षेत्र में संचालित करोड़ों की विकास योजनाओं की ठीक से मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन पर सवाल भी उठने लगे हैं. इस मुद्दे पर वार्ड पार्षदों ने कई बार आवाज भी उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है.
नगर निगम में फिलहाल केवल तीन कनीय अभियंता सोमा कुमारी, राजू उरांव व सुभम कुमार पदस्थापित हैं. आठ सहायक और कनीय अभियंता दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्त किए गए हैं. इनमें विशेष प्रमंडल से राकेश कुमार पांडेय, पीयूष सिंह और प्रमोद कुमार, पेयजल व स्वच्छता विभाग वन से बबलू हांसदा, एनआरईपी से बैजनाथ महतो, दीपनारायण दास, पंकज प्रसन्न और रामप्रकाश सिंह शामिल हैं. गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए विकास योजनाओं का नियमित निरीक्षण जरूरी है. लेकिन तकनीकी अधिकारियों की कमी के कारण योजनाओं की निगरानी पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं.
नई नियुक्ति के लिए विभाग को लिखा पत्र : डिप्टी मेयर
गिरिडीह में शहरी पेयजलापूर्ति योजना नगर निगम के अधीन है. इसकी वजह से सहायक और कनीय अभियंता को जलापूर्ति योजना की भी देखरेख करनी पड़ती है. पिछले दिनों नगर निगम क्षेत्र में संचालित कई विकास योजनाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे. इसको लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं ने हंगामा भी किया था. बाद में उपनगर आयुक्त के निर्देश पर कनीय अभियंता की मौजूदगी में योजनाओं का कार्य पूर्ण करवाया गया था. डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ ने कहा कि तकनीकी अधिकारियों की कमी से काफी परेशानी हो रही है. विकास कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. निगम में एक कार्यपालक अभियंता, दो सहायक अभियंता और छह कनीय अभियंता को पदस्थापित करने के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है. नगर निगम में कनीय अभियंता के लिए सात पद हैं, जिसमे सें केवल तीन ही स्थाई रूप से पदस्थापित हैं.
यह भी पढ़ें : गिरिडीह: शादी के चार दिन बाद युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या,दो ने की जान देने की कोशिश