Giridih: नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ गिरिडीह पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. एसपी अमित रेणु के नेत्तृव में शुक्रवार को डुमरी थाना क्षेत्र के राजाराम भिट्ठा और जरीडीह इलाके के बीच सर्च ऑपरेशन चलाया गया. जिसमें एक हार्डकोर माओवादी जयराम बेसरा को 40 किलो आईईडी विष्फोटक के साथ दबोचा गया है. पुलिस को यह सफलता अपर पुलिस अधीक्षक गुलशन तिर्की को मिली गुप्त सूचना के बाद मिली है. सूचना मिलने पर एसपी के नेत्तृव में दो टीम गठित किया गया था. जिसमें एक टीम में एसपी अमित रेणु और एएसपी गुलशन तिर्की शामिल थे. वहीं दूसरी टीम में सीआरपीएफ की 7वीं बटालियन के कमांडेट, सहायक कमांडेट के साथ पुलिस बल के जवान भी शामिल थे. दोनों टीम ने संयुक्त रुप से जरीडीह और राजा राम भिट्ठा इलाके की घेराबंदी की और हार्डकोर माओवादी जयराम बेसरा को विष्फोटक के साथ दबोचा. जानकारी के अनुसार जयराम बेसरा इसी इलाके में इस IED को प्लांट कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में में था. इससे पहले ही एएसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इस हार्डकोर को दबोच लिया गया.
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गिरफ्तार नक्सली जयराम बेसरा की हिस्ट्री
पुलिस सूत्रों की मानें तो जयराम बेसरा डुमरी और नावाडीह का हार्डकोर माओवादी बताया जाता है. गिरफ्तारी के बाद जयराम बेसरा ने कई बड़े नक्सली वारदातों में अपनी संलिप्ता स्वीकार की है. जिसमें तीन माह पहले डुमरी के एक निर्माणाधीन कॉलेज में लेवी नहीं मिलने से जेसीबी मशीन को जलाने के साथ बाईक में आगजनी और मजदूरों की पीटाई, जबकि बिरनी में एक पुल निर्माण कंपनी द्वारा लेवी नहीं देने के बाद मशीनों को आग के हवाले करने समेत अन्य नक्सली कांड शामिल हैं. फिलहाल पुलिस जयराम बेसरा से पुलिस पूछताछ कर रही है. माना जा रहा है कि, पूछताछ में इस हार्डकोर माओवादी द्वारा कई और बड़े नक्सली वारदातों में शामिल होने की बात सामने आ सकती है.
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हालांकि हाल के दिनों में गिरफ्तार कई माओवादियों ने जयराम बेसरा का नाम कबूलने के साथ कई और खुलासे भी किए थे. इसके बाद जयराम बेसरा की तलाश गिरिडीह पुलिस सरगर्मी से कर रही थी. पुलिस सूत्रों की मानें तो जयराम बेसरा डुमरी-पीरटांड के जोनल कमांडर कृष्णा दा के दस्ता से जुड़ा हुआ था. कृष्णा दा के दस्ते में जयराम बेसरा की भूमिका ठेकेदारों से लेवी वसूलने की रही है. कुख्यात इनामी माओवादी अजय महतो के पीरटांड छोड़ने के बाद इस इलाके की जिम्मेवारी कृष्णा दा को ही मिली हुई है. जबकि कृष्णा दा ने अपने दस्ते में खुद के करीबी जयराम बेसरा को पीरटांड और डुमरी में योजना का काम कर रहे ठेकेदारों से लेवी वसूलने का जिम्मा दे रखा था. लिहाजा, जयराम बेसरा की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी उपलब्धि मानकर चल रही है.
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