Giridih: अब मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर से योजना में खर्च के लिए फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) का अनुमोदन संभव नहीं है. गिरिडीह सहित कई जिलों के उप विकास आयुक्तों द्वारा आदेश निकाल कर पंचायतों में मनरेगा से चल रही विभिन्न योजनाओं में किये जाने वाले व्यय का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (इपीएफएमएस) के जरिये करने को कहा गया है. यह अधिकार अब गिरिडीह जिले में बीडीओ और बीपीओ के पास है.
मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन शत-प्रतिशत पंचायतों से किया जाता है. योजनाओं के चयन से लेकर मजदूरी भुगतान तक में द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में मुखिया एवं प्रथम हस्ताक्षरकर्ता पंचायत सचिव होते हैं. मनरेगा योजनाओं में ग्रामीण विकास विभाग पंचायती राज के द्वारा मुखिया को द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में अधिकृत किया गया था.
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लेकिन वर्तमान त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की विस्तारित अवधि समाप्त होने एवं दूसरी अवधि विस्तार से संबंधित विभागीय आदेश जिला को प्राप्त नहीं होने एवं योजना को सुचारू रूप से संचालन के मकसद से बदलाव किये गये है. गिरिडीह जिला में प्रथम हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी और द्वितीय हस्ताक्षरकर्ता के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी को बनाया गया है. इस संबध में उप विकास आयुक्त ने पत्र निर्गत किया है. पत्र के मद्देनजर मनरेगा योजना संबंधी कार्य अब गिरिडीह जिले में प्रखंड कार्यालय से पास होंगे.