- ग्रामीणों पर बालू तस्करों को भगाने का भी आरोप
- बंधक बनाए जाने के बाद पुलिस छावनी में तब्दील हुआ चानो गांव
- अनुमंडल पदाधिकारी समेत कई थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची
Birni(Giridih) : बिरनी प्रखंड के चानो गांव में शुक्रवार की सुबह लगभग 9 बजे बालू तस्कर चानो के बराकर नदी से बालू उठाव कर ले जा रहे थे. इसी दौरान स्थानीय सीओ सारांश जैन छापेमारी करने गए और लगभग 4 ट्रैक्टरों एवं एक चालक को बालू के साथ पकड़ लिया. ट्रैक्टर पकड़ने की सूचना पर दर्जनों ग्रामीण उक्त स्थल पर पहुंच गए. स्थानीय लोगों ने सीओ को चालक को छोड़ने को कहा. चालक को नहीं छोड़ने पर ग्रामीणों ने सीओ को घेर लिया. सीओ सारांश जैन ने इसकी सूचना थाना प्रभारी राजीव कुमार को दी. बिरनी थाना प्रभारी राजीव कुमार एवं भरकट्टा ओपी प्रभारी आकाश भारद्वाज अपने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. तभी बालू तस्करों के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने सभी को घेरकर बंधक बना लिया और कहा तब तक नहीं जाने देंगे जब तक वरीय पदाधिकारी नहीं आएंगे.
सीओ ने घटना की जानकारी बगोदर-सरिया एसडीओ विपिन दुबे को दी. एसडीपीओ धनंजय राम, सरिया थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह अपने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. सीओ सारांश जैन ने बताया कि वह अवैध बालू उठाव कर रहे लोगों को पकड़ कर ले जा रहे थे, परंतु ग्रामीण इन्हें छोड़ने का दबाव बनाने लगे. ग्रामीणों की बात नहीं मानने पर वे लोग मुझसे ही उलझने लगे. उन्होंने बताया कि सीताराम सिंह समेत कई लोगों ने मेरे साथ बदसलूकी एवं हाथापाई की. हालांकि सीताराम सिंह ने आरोप से इनकार किया है और इसे बेबुनियाद बताया है.
सीओ की सूचना पर पहुंचे वरीय अधिकारी, काफी समझाने पर माने ग्रामीण
सीओ की सूचना पर बिरनी पुलिस, भरकट्टा ओपी पुलिस एवं सरिया पुलिस पहुंची. मगर ग्रामीण नहीं माने और सीओ के साथ सभी को बंधक बना लिया. बाद में सरिया बगोदर एसडीपीओ धनंजय राम भी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने किसी की नहीं सुनी. मामला ठंढा नहीं होते देख सरिया-बगोदर एसडीएम विपिन कुमार दुबे मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से बात की और उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण माने और अधिकारियों को मुक्त किया. उन्होंने 10 ग्रामीणों को अनुमंडल कार्यालय वार्ता के लिए बुलाया. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपना काम कर रहे हैं, उन्हें काम करने देना चाहिए, यदि कोई शिकायत थी तो ग्रामीणों को वरीय पदाधिकारी से संपर्क करनी चाहिए थी.
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