Giridih : कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के भूतपूर्व सांसद रीतलाल वर्मा की 85 वीं जयंती के अवसर पर 1 फरवरी को जिला परिषद् कार्यालय के निकट रीतलाल वर्मा चौक पर किया जाएगा. इस अवसर पर झंडा मैदान में प्रतिमा अनावरण समारोह का भी आयोजन किया जाएगा. प्रतिमा अनावरण समारोह के आयोजक रीतलाल प्रसाद वर्मा विचार मंच है. समारोह में शामिल होने के लिए गणमान्य लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. निमंत्रण पत्र में गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा के नाम का जिक्र नहीं है. जयप्रकाश वर्मा संबंध में रीतलाल का सगा भतीजा है. जयप्रकाश के पिता का नाम जगदीश प्रसाद कुशवाहा है. इस तरह जगदीश कुशवाहा संबंध में रीतलाल के सहोदर भाई थे. दोनों का निधन हो चुका है. आमंत्रण पत्र में जयप्रकाश के नाम का जिक्र नहीं होने से कुशवाहा समाज में बौखलाहट है. रीतलाल वर्मा भी कुशवाहा समाज से थे.
उल्लेखनीय है कि रीतलाल के राजनीतिक भविष्य संवारने में इनके भाई जगदीश कुशवाहा की 1980 के दशक में अहम भूमिका रही है. गिरिडीह, कोडरमा के लोगों समेत कुशवाहा समाज इसके साक्षी रहें हैं. रीतलाल के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत जयप्रकाश वर्मा ही संभाल रहे हैं. रीतलाल के पुत्र प्रणव वर्मा ने पिता के राजनीतिक विरासत संभालने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. कई बार उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके अलावा प्रणव वर्मा दलबदलू भी रहे हैं. वे इस समय बीजेपी के साथ हैं. इस वजह से प्रतिमा अनावरण समारोह में बीजेपी नेताओं का जमावड़ा लगने वाला है. समारोह में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई बीजेपी नेताओं को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. जयप्रकाश वर्मा को नहीं बुलाकर अपने ही रक्त संबंध की अनदेखी की गई. जयप्रकाश वर्मा भी पूर्व में बीजेपी में ही थे. फिलहाल वे जेएमएम में हैं. आमंत्रण पत्र में जयप्रकाश वर्मा के नाम नहीं होने पर प्रणव वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने महज इतना कहा कि यह सही है कि वे मेरे चचेरे भाई हैं, इसके बाद चुप्पी साध गए.
रीतलाल वर्मा और जगदीश प्रसाद कुशवाहा जीवन पर्यंत साथ-साथ राजनीति की. हमेशा दोनों भाई एक दूसरे का सपोर्ट करते रहे. जगदीश कुशवाहा को अपने भाई रीतलाल वर्मा का सारथी कहा जाता था. कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से पांच बार चुनाव जिताने में जगदीश कुशवाहा की अहम भूमिका रही.
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