Giridih : सहियाओं की मनमानी के लिए बदनाम चैताडीह मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र में स्थानीय नर्सिंग होम के गुर्गों के बीच एक बार फ़िर टकराव की ज़मीन तैयार हो रही है. सहियाओं के साथ केन्द्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं को नर्सिंग होम में दाखिल करवाने को लेकर नर्सिंग होम के गुर्गे फ़िर से आपस में ज़ोर आज़माइश करने लगे हैं. जिसके कारण हिंसक टकराव के आसार दिखने लगे हैं.
कमाई और कमीशन का है खेल
सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए चैताडीह मातृत्व शिशु कल्याण केंद्र में कई सुविधाएं बहाल की है. लेकिन केन्द्र में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं पर स्थानीय नर्सिंग होम के गुर्गों और दलाल तत्व की नज़र रहती है. केन्द्र की बदहाल व्यवस्था का हवाला देकर गर्भवती महिलाओं को नर्सिंग होम में ले जाया जाता है. नर्सिंग होम की कमाई होती है और इसमें एक हिस्सा सहियाओं का भी होता है. इस कमाई को लेकर नर्सिंग होम के गुर्गों के बीच रस्साकशी होती रहती है.
कई बार हो चुकी है झड़प
गर्भवती महिलाओं को नर्सिंग होम ले जाने को लेकर स्थानीय नर्सिंग होम के गुर्गों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. पिछले साल जुलाई महीने में वर्चस्व को लेकर स्थानीय दो नर्सिंग होम संचालकों के बीच तब खूनी संघर्ष की नौबत आ गई थी जब एक नर्सिंग होम के संचालक रात के 10 बजे केंद्र में घातक हथियारों के साथ दाखिल हो गया. तब दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. सूचना के बाद पचंबा था पुलिस स्थल पर पहुंची तो सभी भाग खड़े हुए. तब से लेकर अब तक कई बार मारपीट की छुटपुट घटनाएं हो चुकी है. व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी में 4 नर्सिंग होम को बंद कर दिया. लेकिन बाद में सभी खोल दिए गए.
सुधार के लिए हुए कई प्रयास
व्यवस्था में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चैताडीह में कई प्रयास किए गए. हंगामा के बाद अवांछित तत्वों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई. साथ ही पोषक क्षेत्र की सहिया को ही गर्भवती महिलाओं के साथ आने की इजाजत दी गई. सहिया को ड्रेस व आई कार्ड के साथ आना अनिवार्य किया गया. लेकिन ये सब बेमानी साबित हुए. आलम यह है कि अब ना गेट पर गार्ड हैं और न सुरक्षा की वैसी व्यवस्था. सुरक्षा के लिए 4 होमगार्ड के जवान हैं. लेकिन दलालों पर उनका कोई असर नहीं.
सीसीटीवी से की जा रही निगरानी – उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह चैताडी प्रभारी डॉ. उपेंद्र दास ने कहा कि निगरानी के लिए यहां दर्जनभर सीसीटीवी लगाए गए हैं. आधा दर्जन सीसीटीवी और लगाने की योजना है. कहा कि गर्भवती महिलाओं को बाहर ले जाने में किसी सहिया की संलिप्तता पाई गई तो सीधे बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी.
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