Giridih : जिले में विकास योजनाओं के चयन में सतर्कता नहीं बरती जा रही है. सड़क है नहीं पुल बना दिए गए हैं. वैसे जगह भी हैं जहां ग्रामीण दशकों से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक मांग नहीं मानी गई. ऐसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग करना है.
जमुआ प्रखंड के सोनारडीह और टटकारी गांव के बीच नाले पर वर्ष 2015-16 में पचास लाख रुपए की लागत से जिला परिषद् ने पुल निर्माण कराया. पुल वाली जगह के दोनों ओर सड़क नहीं है. सड़क नहीं रहने से लोगों को पुल से फायदे नहीं हो रहे.
इस संबंध में जिला परिषद् अध्यक्ष मुनिया देवी का कहना है कि बेंगाबाद और जमुआ प्रखंड को जोड़ने के उद्देश्य से नाले पर पुल का निर्माण करवाया गया. किसी कारणवश सड़क निर्माण नहीं हो सका है. सड़क निर्माण को लेकर पहल जारी है.
वहीं बेंगाबाद प्रखंड के बदवारा-पहाड़पुर मुख्य मार्ग में धमना नदी पर पुल निर्माण की मांग दशकों पुरानी है. आज तक मांग पूरी नहीं हुई. स्थानीय निवासी पप्पू पांडेय ने पुल नहीं बनने से हथबोर, पहाड़पुर, गोलगो, माखो, बाबूरायडीह, महाबांक, बूढ़ीकुरा, रंगामाटी समेत आसपास के कई गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है.
यह भी पढ़ें : गिरिडीह : विधायक ने गिरिडीह और पीरटांड में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का किया उदघाटन
Leave a Reply