Giridih : देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा 17 सितंबर को जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक विधि-विधान से की गई. शहरी क्षेत्र में बस स्टैंड, नगर निगम परिसर, झिंझरी मुहल्ला, बोड़ो, पचंबा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शीतलपुर, पाण्डेयडीह, बघरा, रोलिंग मिलों में विश्वकर्मा पूजा के समाचार हैं. शहरी क्षेत्र में विभिन्न मुहल्लों में भी पूजा की गई. दोपहर में पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरण किया गया. सायंकाल श्रद्धालु पूजा पंडालों में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा का दर्शन करने गए. रात में जागरण का भी आयोजन किया गया.
पुजारी शंकर पांडेय ने बताया कि सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा को देव शिल्पी माना जाता है. संसार का पहला इंजीनियर और मशीनों के देवता भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है. मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं होता. घर हो या दुकान तकनीकी कार्य शुरू करने से पहले इनकी पूजा की जाती है. 18 सितंबर को प्रतिमा विसर्जन के साथ पूजा का समापन हो जाएगा.
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