NewDelhi : बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को प्रतिबंधित माओवादी संगठनों से संपर्क रखने के मामले में बरी कर दिये जाने के विरोध में दायर की गयी महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर आज शनिवार को सुनवाई होगी. बता दें कि कल शुक्रवार को साईबाबा बरी कर फैसला आने पर कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र सरकार इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची. हालांकि SC ने साईबाबा को बरी किये जाने के फैसले पर तुरंत रोक लगाने से इनकार कर दिया.
Supreme Court to hear a plea of Maharashtra government tomorrow against acquittal granted to former Delhi University professor GN Saibaba in an alleged Maoist links case.
A bench of Justices MR Shah and Bela M Trivedi will hear the case tomorrow. pic.twitter.com/nG2IP4EX6E
— ANI (@ANI) October 14, 2022
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हाई कोर्ट ने UAPA के तहत दोषी ठहराने के गढ़चिरौली ट्रायल कोर्ट का फैसला पलट दिया
खबर है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने माओवादी संगठनों से संपर्क को लेकर निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिये गये जीएन साईबाबा और अन्य 5 लोगों को शुक्रवार को बरी कर दिया. हाई कोर्ट द्वारा बरी किये गये लोगों में जीएन साईबाबा, विजय नान तिर्की, महेश करीमन तिर्की, हेम केशवदत्ता मिश्रा और प्रशांत राही नारायण सांगलिकर शामिल हैं.
जान लें कि हाई कोर्ट ने अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट (UAPA) के तहत उन्हें दोषी ठहराने के गढ़चिरौली ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया. हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई.
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सॉलिसिटर जनरल ने SC से हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच के सामने हाई कोर्ट के फैसले को लागू किये जाने पर रोक लगाने की मांग की. तुषार मेहता का कहना था कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटने में गलती की है. सिर्फ इस तकनीकी आधार पर दोषसिद्धि का फैसला पलट दिया गया कि यूएपीए के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र से मंजूरी नहीं मिली थी. सॉलिसिटर जनरल का कहना था कि इन आरोपियों को देश के खिलाफ अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था. कहा कि इनकी रिहाई के गंभीर नतीजे हो सकते हैं.
SC की बेंच ने कहा, दूसरे पक्ष को सुने बिना रिहाई के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते
तुषार मेहता की दलील पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को सुने बिना रिहाई के आदेश पर रोक नहीं लगा सकते. इसके बाद बेंच ने इस मुकदमे की सुनवाई के लिए सीजेआई से स्पेशल बेंच बनाने की गुजारिश करते हुए रजिस्ट्री को इसे शनिवार के लिए लिस्ट करने को कहा. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए जस्टिस एमआर शाह और बेला एम त्रिवेदी की बेंच गठित कर दी. यह बेंच साईबाबा और अन्य को बरी किये जाने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर आज 11 बजे सुनवाई करेगी.
जानकारी के अनुसार कल शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने साईबाबा और 5 को माओवादी संगठनों से संपर्क रखने के मामले में बरी कर दिया. जस्टिस अनिल एल पनसारे और रोहित बी देव की बेंच ने 101 पेज के अपने फैसले में कहा है कि यूएपीए के तहत आरोपी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी का आदेश कानून की दृष्टि से गलत और अवैध था.