Gomiya: मनरेगा योजना के तहत सिंचाई कूप का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ने एवं क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं किए जाने पर मुख्यमंत्री सचिवालय झारखंड के विशेष कार्य पदाधिकारी सह शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बोकारो के उप विकास आयुक्त को कड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि लगभग 1 वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद निर्देशों का पालन नहीं किया गया है जो खेद का विषय है.
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क्या है मामला
गोमिया के मनरेगा योजना के एक लाभुक शिव शंकर पासवान ने उप सचिव झारखंड विधान सभा सचिवालय को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी जमीन पर मनरेगा योजना से किए गए सिंचाई कूप का निर्माण का कार्य अधूरा एवं ठीक ढंग से नहीं किए जाने से उन्हें इसका कोई लाभ नहीं हुआ है और राशि की बंदरबांट की गयी है. मनरेगा लाभुक के इस पत्र पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने बोकारो जिला प्रशासन को पत्र लिखकर भेजकर निर्देश दिया था कि योजना में व्यय की गई राशि सभी संबंधित पदाधिकारियों व कर्मचारियों से 12 प्रतिशत ब्याज सहित वसूली की जाए. मामले में दोषियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाए. साथ ही संबंधित लाभुक को उसकी आवश्यकता के अनुरूप नियमानुसार कूप का प्राक्कलन संशोधित कर अग्रेतर कार्रवाई की जाए. इस संबंध में बोकारो उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने गोमिया बीडीओ कपिल कुमार को निर्देशित पत्र भेजकर 3 दिनों के अंदर कार्रवाई करने को कहा है.
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10 बार पहले भी हो चुका है पत्राचार, पर कार्रवाई नहीं
इस संबंध में उप विकास आयुक्त बोकारो के द्वारा गोमिया बीडीओ को 10 बार पत्राचार पत्रांक- 463, 545, 613, 620, 63, 102, 180, 220, 41 और 546 जारी कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं जो निरर्थक साबित हुए. लाभुक शिवशंकर पासवान ने बताया कि डीडीसी और संबंधित विभाग द्वारा लगभग 10 बार पत्राचार संबंधित दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों से 12% ब्याज सहित करने के अलावा उनके विरुद्ध निलंबन एवं प्रपत्र पर विभागीय कार्रवाई करने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए. साथ ही उक्त कूप निर्माण में शामिल संविदा कर्मियों की संविदा रद्द करने की कार्रवाई के साथ-साथ इस मामले में दोषी मनरेगा कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. पदाधिकारी पर कार्रवाई की बात कही गई है लेकिन ऊंचे रसूख के कारण स्थिति वही ढाक के तीन पात हैं.
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