Imphal : मणिपुर में अलग-अलग उग्रवादी संगठनों के 43 सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किये जाने की खबर है. शनिवार को राज्य के गृह विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इन उग्रवादियों ने सरेंडर कर दिया और 19 हथियार, 17 हथगोले, पांच हैंडहेल्ड सेट, नौ पीईके, पांच देसी बम और 209 गोला-बारूद मुख्यमंत्री के सामने जमा कर दिये. आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला उग्रवादी भी शामिल है. बता दें कि इससे एक दिन पूर्व ही यहां अमित शाह का दौरा हुआ था.
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उग्रवादियों को जुड़ते हुए देख खुशी हो रही है
मुख्यमंत्री ने जीवन की मुख्य धारा में लौटने वाले इन उग्रवादियों का स्वागत करते हुए कहा, आपने जो कठिनाइयां झेली है, उसे मैं समझता हूं.’ उन्होंने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रगतिशील मणिपुर बनाने के हमारे काम से और उग्रवादियों को जुड़ते हुए देख खुशी हो रही है.
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सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं
आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं. कहा कि सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादियों के आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना, 2018 के तहत पुनर्वास लाभ प्रदान करेगी.
जिन उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें घाटी आधारित कांगलीपाक यावोल कनबा लुप (केवाईकेएल) के 13, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पांच, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के 11, यूनाइटेड नैशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के पांच, केसीपी (एन) के पांच, प्रीपाक (पीआरओ) के दो और एनएससीएन (यू) का एक उग्रवादी शामिल हैं.
अब तक 644 उग्रवादियों ने सरेंडर किया
डीजीपी पी डोंगल ने कहा कि उग्रवाद विरोधी अभियान ही काफी नहीं है. सरकार बातचीत करने और राज्य के सभी भटके हुए युवाओं को घर लाने की इच्छुक है. उन्होंने कहा, अब तक, कुल मिलाकर 644 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है. कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडर एक नया जीवन शुरू करने के लिए घर वापस आ गये हैं.