NewDelhi : मार्च में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है. खबर है कि मार्च में यह 1.42 लाख करोड़ रुपये रहा है जो अब तक का रेकॉर्ड है. बता दें कि कोरोना महामारी के मामलों में कमी आने के साथ ही देश में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं. जीएसटी कलेक्शन इस बात की तस्दीक कर रहा है. जानकारों का कहना है कि अप्रैल में कलेक्शन और ऊपर जा सकता है. कहा जा रहा है कि रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन से सरकार महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ कदम उठा सकती है.
कई चीजों पर घट सकता है टैक्स
जानकारी के अनुसार रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन से सरकार कुछ जरूरी चीजों पर जीएसटी में कटौती कर सकती है. आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ जरूरी चीजों को हाई स्लैब से लो स्लैब में लाया जा सकता है या उन पर जीएसटी खत्म किया जा सकता है. इसमें कुछ एफएमसीजी उत्पाद शामिल हैं. अभी जीएसटी में चार स्लैब पांच, 12, 18 और 28 फीसदी के स्लैब हैं. कई चीजों को 28 फीसदी से निचले स्लैब्स में लाया जा सकता है.
हाल में खबर आयी थी कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में पांच प्रतिशत वाले स्लैब को बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने पर विचार किया जा सकता है. लेकिन इससे महंगाई बढ़ने की आशंका है और यही वजह है फिलहाल इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
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टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में मिल सकती है राहत
जीएसटी कलेक्शन में इसी तरह बढ़ोतरी जारी रही तो सरकार आने वाले दिनों में टैक्सपेयर्स को भी राहत दे सकती है. साल 2014 के बाद से इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कोरोना महामारी के बाद आमदनी और कारोबार प्रभावित होने से आम लोग उम्मीद कर रहे थे कि इस बार बजट में उन्हें इनकम टैक्स में राहत मिलेगी. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें कोई राहत नहीं दी.
कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच चल रही जंग के कारण कच्चे तेल (Crude) की कीमत एक वक्त 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी. लेकिन अपने यहां उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमत करीब साढ़े चार महीने स्थिर रही. इससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का भारी नुकसान हुआ. इसकी भरपाई के लिए उन्होंने 22 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी शुरू कर दी. अब तक 10 किस्तों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में 7.20 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है.
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कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर
देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 115 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है जबकि डीजल भी 100 रुपये के करीब है. डीजल की कीमत बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ने लगी है और आने वाले दिनों में यह चरम पर पहुंच सकती है. यही वजह है कि सरकार आम आदमी को राहत देने और महंगाई को काबू में करने के लिए पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज में कटौती कर सकती है. जीएसटी में रेकॉर्ड कलेक्शन के बाद सरकार के लिए ऐसा करना संभव है.
पिछले साल जब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत रेकॉर्ड पर पहुंच गई थी तो सरकार ने लोगों को दिवाली गिफ्ट देते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये की कटौती की थी. जानकारों का कहना है कि अगर मोदी सरकार फिर पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है तो इससे आम आदमी को राहत मिलेगी और महंगाई पर भी लगाम लगेगी.
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