Lagatar Desk
दुनिया के कई देशों में google इस बात का दबाव बढ़ रहा है कि वह कंटेंट, यानी समाचार के बदले कंटेंट क्रियेटर को पैसे दे. क्योंकि गूगल को कटेंट से कमाई होती है. लेकिन गूगल इसके बदले पैसे नहीं खर्च करता. जबकि कंटेंट क्रियेटर को सूचनाएं लाने और इसे इंटरनेट पर डालने में पैसे खर्च करने पड़ते हैं. इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने एक नया कानून बनाया है, जिसमें गूगल को कंटेंट क्रियेटर को भुगतान करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
इसे भी पढ़ें – भारत के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैलाने का आरोप, ग्रेटा थनबर्ग पर दिल्ली पुलिस की FIR
गूगल जाता है, तो हम साथः माइक्रोसॉफ्ट
ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा यह कानून लागू किये जाने का गूगल ने विरोध किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गूगल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले महीने सीनेट की सुनवाई में कहा था कि अगर सरकार ऐसे कानून के मसौदे की योजना पर आगे बढ़ती है, जिसके तहत गूगल को समाचार के लिए भुगतान करना पड़ेगा, तो वह ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंचन को बंद कर देगी. इस पर माइक्रोसॉफ्ट ने ऑस्ट्रेलिया सरकार से कहा है कि अगर गूगल देश छोड़ करके जाती है, तो वह छोटे कारोबारियों के विज्ञापन को बिंग में स्थानांतरित करने में मदद करेगी. बिंग माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन है. इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सर्च इंजन की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने पिछले सप्ताह एक ऑनलाइन बैठक में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और संचार मंत्री पॉल फ्लेचर को आश्वस्त किया है कि उनकी कंपनी इस मसौदे का समर्थन करती है.
यह भी पढ़ें-RBI ऑफिसर ग्रेड-B के लिए 322 पदों पर निकली वैकेंसी, ऐसे करे आवेदन