Ranchi : कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन नियम को तोड़ने को लेकर बीजेपी नेताओं पर हुई प्राथमिकी पर बीजेपी हेमंत सरकार पर हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतें और अन्य मुद्दों पर कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं ने राजभवन के सामने धरना देकर महामारी कानून की धज्जियां उड़ायी थी. लेकिन उस दौरान प्रशासन ने कोई कार्रवाई तक नहीं की. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, कांके विधायक समरीलाल सहित 150 नेताओं पर प्राथमिकी कराकर राज्य सरकार प्रतिपक्ष की आवाज को दबाने के लिए शासन व्यवस्था का दुरुपयोग कर रही है.
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दीपक प्रकाश पर केस लाद रही सरकार – प्रतुल
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से हेमंत सरकार इतना खौफ खाती है कि वे जब भी आंदोलन की शुरुआत करते हैं, तो उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लाद दिये जाते हैं. इससे पूर्व भी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के ऊपर देशद्रोह का एक फर्जी मुकदमा किया गया था. जिसकी पूरे देश में भर्त्सना की गई थी. हाईकोर्ट ने भी इस मुकदमे में कोई भी पीड़क कार्रवाई करने से रोक लगा रखी है.
उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी के तमाम नेता जब किसानों के हक के लिए खेतों पर उतरे, तो राज्य सरकार ने उनके ऊपर मुकदमा कर दिया. प्रतुल ने कहा कि यह राज्य सरकार की भूल है कि वह समझती है कि बीजेपी के नेता कार्यकर्ता ऐसे मुकदमों से विचलित हो जाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष ने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसे दर्जनों मुकदमों को देखा है और संघर्ष के बुनियाद पर आगे बढ़े हैं. वे ऐसे मुकदमों से विचलित नहीं होने वाले और बीजेपी किसानों के हक में अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी.
प्रतुल ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतें के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर कांग्रेस नेताओं ने न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कि न ही किसी नेताओं ने मास्क ही लगाया था. राजभवन के पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा भी लागू थी. इसके बावजूद प्रशासन ने उन पर उचित कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाई. ये साफ दिखता है कि शासन-प्रशासन विपक्ष और सत्ताधारी गठबंधन को अलग-अलग चश्मे से देखता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रतुल ने कहा कि बीजेपी ऐसे मुकदमों से विचलित न होते हुए प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश जी के नेतृत्व में किसानों के आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाएगी.
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