NewDelhi : वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में लिखित रूप से बताया कि फ्रेंच अदालत ने केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा है कि वह भारतीय सरकार की संपत्ति सीज कर सकती है. जान लें कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने केयर्न के पक्ष में फैसला दिया था. इस फैसले के बाद केयर्न एनर्जी भारत सरकार से 1.72 अरब डॉलर की वसूली का प्रयास कर रही है.
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भारत की कुछ परिसंपत्तियों को जब्त करने का आदेश
वित्त राज्यमंत्री ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पंचाट द्वारा केयर्न एनर्जी पर पिछली तारीख से 10,247 करोड़ रुपए के कर के आदेश को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है. उन्होंने कहा, फ्रांस की एक अदालत ने केयर्न एनर्जी से संबंधित मामले में भारत की कुछ परिसंपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है.हालांकि, मंत्री ने इन संपत्तियों की पहचान नहीं बताई.
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20 संपत्तियों में से ज्यादातर फ्लैट हैं
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इससे पहले इसी माह खबर दी थी कि इन 20 संपत्तियों में से ज्यादातर फ्लैट हैं. इनका मूल्य दो करोड़ यूरो से अधिक है. एक तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने पिछले साल दिसंबर में एकमत से इस मामले में केयर्न के पक्ष में फैसला दिया था और पिछली तारीख से कर के आदेश को रद्द कर दिया था. न्यायाधिकरण में भारत की ओर नियुक्त न्यायाधीश भी शामिल थे.
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11 जून को फ्रेंच कोर्ट का आया था फैसला
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांसीसी अदालत ने 11 जून को केयर्न एनर्जी को भारत सरकार की संपत्तियों के अधिग्रहण का आदेश दिया था, जिनमें ज्यादातर फ्लैट शामिल हैं. एक मध्यस्थता अदालत ने दिसंबर में भारत सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर से अधिक का ब्याज और जुर्माना चुकाये. भारत सरकार ने इस आदेश को स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार की संपत्ति को जब्त करके देय राशि की वसूली के लिए विदेशों में कई न्यायालयों में अपील की है.
70 अरब डॉलर की संपत्ति की पहचान की
इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ने दिसंबर 2020 में केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि भारत सरकार उसके 1.2 अरब डॉलर वापस करे. बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट से जीत मिलने के बाद Cairn Energy अपने पैसे के लिए सरकार के पीछे बुरी तरह पड़ चुकी है. एक रिपोर्ट के अनुसार केयर्न एनर्जी ने विदेशों में भारत सरकार की करीब 70 अरब डॉलर (5 लाख करोड़ से ज्यादा) से ज्यादा संपत्ति की पहचान की है.