Ranchi: पूर्व सीएम रघुवर दास ने राज्य सरकार से पेसा एक्ट तत्काल लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में दायर याचिका में शिकायत की गई है कि राज्य में अब तक पेसा नियमावली नहीं लागू की गयी है. वास्तविकता यह है कि गैर अनुसूचित क्षेत्रों में लागू होने वाली व्यवस्था को ही अधिसूचित क्षेत्रों की पंचायतों के लिए जारी रख दिया गया है. इसके कारण राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता को उनके अधिकारों से वंचित होना पड़ा रहा है. वर्तमान सरकार द्वारा पेसा एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है.
2019 में तैयार करवा लिया गया था ड्राफ्ट
रघुवर ने कहा कि पेसा अधिनियम 1996 में केंद्र के द्वारा लागू किया गया था. 2016 में केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट नियमावली के आधार पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य सरकार ने भी राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में संविधान की पांचवी एवं छठवीं अनुसूची में निर्धारित व्यवस्था के अनुरूप पेसा नियमावली का ड्राफ्ट 2019 में तैयार करा लिया था. पंचायतों, ग्राम सभाओं, ग्राम प्रधानों, मानकी, मुंडा इत्यादि पारंपरिक प्रधानों को पूर्ण अधिकार सौंप दिए जाने की नियत से कार्यवाही की जा रही थी, लेकिन राज्य में हुए चुनाव एवं उसके बाद सरकार में हुए परिवर्तन के कारण नियमावली को लागू नहीं किया जा सका.
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पंचायत संबंधी प्रावधान अधिसूचित क्षेत्र में सीधे नहीं हो सकते लागू
रघुवर ने कहा कि संविधान की धारा 243 M के अनुसार, पंचायत संबंधी प्रावधान राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में सीधे तौर पर लागू नहीं किए जा सकते. यदि संसद के द्वारा पेसा अधिनियम लागू किया गया है, तो उसके प्रावधानों को कड़ाई से लागू किए जाने के बाद ही पेसा एक्ट के प्रावधान इन क्षेत्रों में लागू किए जाने हैं. पेसा एक्ट के प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि झारखंड राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों के ग्रामों के संबंध में पारंपरिक ग्राम प्रधानों, मानकी, मुंडा और प्रावधान के अनुसार, संस्थाओं को सारी योजना, लघु खनिज, बालू घाट इत्यादि के संबंध में पूर्ण अधिकार दिया जाना है.
पेसा नियमावली को लागू करने में जान बूझकर किया जा रहा देर
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है की जल, जंगल, जमीन की बात करने वाली झामुमो-कांग्रेस सरकार राज्य के आदिवासियों के साथ नाइंसाफी कर रही है. पेसा नियमावली को लागू करने में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है. इनके द्वारा वास्तव में प्रशासनिक और आधिकारिक व्यवस्था के जरिये संसाधनों का इस्तेमाल धन कमाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तत्काल पेसा नियमावली लागू करे और ग्रामीण संस्थाओं और ग्राम पंचायतों को पूर्ण कानूनी अधिकार जल्द से जल्द हस्तांतरित करे.
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