Ranchi : बिजली के मामले में झारखंड की डीवीसी से निर्भरता जल्द खत्म होगी. झारखंड बिजली वितरण निगम ने इसके लिए अगस्त तक का लक्ष्य रखा है. अगर स्थिति सामान्य रही, तो यह काम जल्द पूरा कर लिया जायेगा. इसके साथ ही राज्य के सात जिलों में बिजली आपूर्ति करने वाली डीवीसी का वर्चस्व भी खत्म हो जायेगा. पिछले साल से ही निगम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. राज्य में डीवीसी की निर्भरता खत्म करने के प्रयासों को तीन प्रमुख चरणों में समझा जा सकता है. इसमें सबसे प्रमुख हैं- जसीडीह और बिरनी ग्रिड तथा चतरा-इटखोरी और गोविंदपुर-चंदनकियारी संचरण लाइन. गोविंदपुर-चंदनकियारी संचरण लाइन के लिए पिछले साल पश्चिम बंगाल सरकार से सहमति मिली. इसके बाद इस क्षेत्र में काम शुरू किया गया. बता दें कि डीवीसी राज्य सरकार को लगभग 600 मेगावाट बिजली देता था. इसके भुगतान को लेकर पिछले कुछ समय से डीवीसी और राज्य सरकार में तनातनी होती रही है. इसलके अलावा भुगतान नहीं होने का बहाना बनाकर डीवीसी अपने कमांड एरिया के 7 जिलों में भारी बिजली कटौती भी करता है. सरकार ने नये ग्रिडों और संचरण लाइनों के सहारे इससे पार पाने की तैयारी कर ली है.
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DVC से 600 के बदले ली जा रही 435 मेगावाट बिजली
पिछले साल ऊर्जा विभाग ने छह ग्रिड और संचरण लाइनों को कार्यरत किया. इसमें जसीडीह और बिरनी ग्रिड भी शामिल थे. इन कार्यरत होने के बाद डीवीसी से 600 मेगावाट की जगह वर्तमान में 465 मेगावाट बिजली ली जा रही है. ऐसे में झारखंड को डीवीसी से लगभग 135 मेगावाट बिजली खरीद से निजात मिली. साथ ही बिजली खरीद पर आनेवाले खर्च भी कम हुआ. पहले यह रकम 225 करोड़ होती थी, जो घटकर 155 करोड़ रह गयी है.
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चतरा-इटखोरी लाइन से डीवीसी से 120 मेगावाट की जरूरत कम होगी
चतरा-इटखोरी ट्रांसमिशन लाइन बन कर तैयार है. ऊर्जा संचरण निगम इस महीने इसे शुरू करने की तैयारी में है. लातेहार के कुछ इलाकों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही लाइन शुरू हो जायेगी. क्लीरेंस के लिए निगम द्वारा कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. जेबीवीएनएल के कार्यकारी निदेशक केके वर्मा ने बताया कि इस लाइन के शुरू होते बिजली के लिए राज्य की डीवीसी पर निर्भरता घटकर मात्र 30 प्रतिशत ही रह जायेगी. यानी डीवीसी से झारखंड को 600 की जगह मात्र लगभग 120 मेगावाट ही बिजली लेने की ही जरूरत पड़ेगी, जो चास, बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग में आपूर्ति की जायेगी.
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चंदनकियारी-गोविंदपुर ट्रांसमिशन लाइन पर हो रहा काम
निगम के अनुसार चंदनक्यारी गोविंदपुर संचरण लाइन पर काम जारी है. लगभग फाउंडेशन वर्क पूरा हो चुका है. इस लाइन के शुरू होते चास, बोकारो, रामगढ़ और हजारीबाग के लिए भी डीवीसी पर से निर्भरता खत्म हो जायेगी. अगस्त तक गोविंदपुर-चंदनक्यारी लाइन पूरी करने की योजना है. काम युद्ध स्तर पर हो रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द से जल्द योजना पूरी की जायेगी. और बिजली उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी.
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बकाया को लेकर डीवीसी हर साल बाधित करता है विद्युत आपूर्ति
डीवीसी सात जिलों में बिजली आपूर्ति करता है. उसके द्वारा हर साल बिजली कटौती की जाती है. पिछले दो साल से समस्या ज्यादा बढ़ गयी. सरकार द्वारा बिजली खरीद के एवज में भुगतान नहीं करने पर डीवीसी ने सात जिलों में 12 से 18 घंटे तक लोड शेडिंग की. यह लोड शेडिंग साल 2019 और 2020 के दौरान अलग- अलग समय में की गयी. इससे सरकार को जनता का आक्रोश भी झेलना पड़ा. नयी लाइनों के शुरु हो जाने से लोगों को डीवीसी की मनमाने लोड शेडिंग से राहत मिल सकेगी.
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