- एजी के बीच समन्यव स्थापित करने के लिए 1.56 करोड़ का लगेगा सॉफ्टवेयर
- ई–साइन या डिजिटल हस्ताक्षर के लिए दो करोड़ का होगा सॉफ्टवेयर
Ravi Bharti
Ranchi : राज्य के सचिवालय सहित सरकारी ऑफिसों में पेमेंट सिस्टम और इससे जुड़े सभी डाटा को पेपरलेस करने के लिए 12.40 करोड़ का सॉफ्टवेयर खरीदा जाएगा. वहीं प्रधान महालेखाकार कार्यालय से बीच समन्वय स्थापित करने के लिए 1.56 करोड़ का सॉफ्टवेयर लगाया जाएगा. ई-साइन या डिजिटल साइन के लिए दो करोड़ का सॉफ्टवेयर खरीदा जाएगा. वित्त विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है.
डाटा बेस रहेगा सुरक्षित
वित्त विभाग के अनुसार पेपरलेस भुगतान प्रणाली से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डाटा. डाटा लॉग, डिजिटल साइन बिल और डॉक्यूमेंट अगल डाटा बेस में सुरक्षित रहेगा. इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए आइएफएमएस एप्लिकेशन मॉड्यूल में आवश्यक बदलाव वित्त विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट द्वारा किया जाएगा.
एसएनए स्पर्श सॉफ्टवेयर से होगा कर्मियों के वेतन का भुगतान
सॉफ्टवेयर एसएनए स्पर्श से सरकारी कर्मियों के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि का भुगतान पेपरलेस प्रक्रिया से किया जाएगा. इस सिस्टम को लागू करने के लिए राजस्थान, ओडिशा और बिहार में अपनायी जा रही प्रक्रिया का भी अध्ययन किया गया है. इसके आधार पर ही झारखंड में यह सिस्टम लागू किया जाएगा.
क्या है यह प्रस्तावित प्रक्रिया
प्रस्तावित प्रक्रिया में निकासी एवं व्यनन पदाधिकारी कार्यालय से डीडीओ लेवल बिल मैनेजमेंट सिस्टम में ही विपत्र तैयार किए जाएंगे. इसके बाद लिपिक के द्वारा टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन से सिस्टम में लॉगिन कर डिजिटली विपत्र तैयार किया जाएगा. फिर आधार बेस्ट ओटीपी के माध्यम से निकासी एवं व्यनन पदाधिकारी को ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा. निकासी एवं व्यनन पदाधिकारी टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन से डीडीओ लेवल बिल मैनेजमेंट सिस्टम में लॉगिन कर विपत्र की जांच करेंगे. इसके बाद ई-साइन या डिजिटल साइन करेंगे. यह विपत्र ई-बिल कहलाएगा. फिर निकासी एवं व्यनन पदाधिकारी द्वारा ई-बिल को कोषागार कार्यालय में ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जाएगी शुरुआत
इस प्रक्रिया को राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर रही है. यह छह महीने तक का होगा. इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद राज्य के सभी कोषागारों में सभी तरह के विपत्रों के भुगतान के लिए पेपरलेस भुगतान प्रणाली अपनायी जाएगी.
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