Ranchi : श्रम विभाग की ओर से जारी श्रम कोड नियमावली वापस लेने की मांग की जा रही है. नियमावली केंद्र सरकार की ओर लागू चार श्रम कोड पर आधारित है. इसे लेकर ट्रेड यूनियनों में असंतोष है. एटक के पीके गांगुली ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रम कोड राज्य में लागू नहीं करने की बात की थी.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि राज्य में इसे लागू नहीं किया जायेगा, लेकिन अब विभाग की ओर से श्रम कोड नियमावली इसकी वेबसाइट में डाल दी गयी है. ऐसा लग रहा है कि श्रम विभाग मन बना चुका है. यह मजदूर वर्ग के साथ किये गये वायदे से मुकरने जैसा है. यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पहले की गयी घोषणा को पलटने वाला है. श्रम विभाग की इस कार्रवाई पर राज्य के ट्रेड यूनियन मुख्यमंत्री और राज्य के श्रम मंत्री से नियमावली वापस लेने की मांग करते हैं.
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आठ राज्यों ने किया इनकार
गांगुली ने कहा कि केंद्र सरकार ने 44 में से 29 श्रम कानूनों को चार संहिता में बदला है. देश के आठ राज्यों ने इस श्रम कोड को लागू करने से इनकार कर दिया है. हाल में राजस्थान सरकारन ने कोड लागू करने के लिए नियमावली बनायी थी. ट्रेड यूनियनों के आंदोलन के बाद सरकार को इसे वापस लेना पड़ा. इसी तरह राज्य सरकार को भी इस ड्राफ्ट नियमावली को वापस लेना चाहिए.
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ट्रेड यूनियनों से चर्चा नहीं
सीटू ने प्रकाश विप्लव ने कहा कि राज्य सरकार ने ट्रेड यूनियनों से नियमावली में कोई चर्चा नहीं की है. नियमावली वेबसाइट में डाल एक महीने का समय लिया गया है, जिसके बाद इसे सरकार लागू कर सकती है. ऐसे में योजना बनाकर मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री मुलाकात की जायेगी. इस पर भी सरकार नियमावली वापस नहीं लेती है तो इस पर आंदोलन किया जायेगा. केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल श्रम कोड पर सहमति दी गयी, जिसके बाद से विरोधों का सिलसिला जारी है.