- सरकार का जवाब सुने बिना भाजपा विधायकों का सदन से वाकआउट
- सरकार का पेयजल, जलसंसाधन और पर्यटन,कला-संस्कृति और खेलकूद विभाग का बजट पास
Ranchi : विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन का दूसरा सेशन बिना किसी गतिरोध के चला. लेकिन अंत में तीन विभागों की अनुदान मांगों पर सरकार के जवाब सुने बिना भाजपा के सभी विधायक सदन से वाकआउट कर गए. इस बीच पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलसंसाधन विभाग और पर्यटन, कला-संस्कृति और खेलकूद विभाग की अनुदान मांगें (बजट) पास हो गयी. अनुदान मांग पर सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरयू राय की चिंता जायज है. सरकार भी ग्राउंड वाटर लेबल का स्तर नीचे जाने से चिंतित है. इसलिए सरकार का फोकस भी ग्राउंड वाटर का अत्यधिक दोहन रोकने के लिए सरफेस वाटर स्कीम पर ही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में केवल छह-सात नदियां ही ऐसी हैं, जिनमें सालों भर पानी रहता है. अधिकांश नदियां या जलस्रोत गर्मी में सूख जाते हैं. इसलिए मजबूरी में नलकूप और बोरिंग का सहारा लिया जाता है.
विपक्ष को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए
उन्होंने आरोप लगाने वाले विपक्ष पर कहा कि उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. आपने अपने शासन काल में केवल 6 प्रतिशत ग्रामीण घरों तक ही नल से जल पहुंचाया. मगर हमारे शासन काल में 32.45 प्रतिशत तक यह काम पूरा कर दिया गया. हम पूरा प्रयास करेंगे कि मार्च 2024 तक लक्ष्य के करीब पहुंच जाएं. सरकार गठन होते ही दो साल कोविड में गुजर गया. सरकार को अस्थिर करने का पूरा प्रयास हुआ. सरकार पानी को लेकर काफी गंभीर है.
बोरिंग से परहेज करे सरकार, राज्य जल आयोग बने : सरयू राय
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने नदियों में प्रदूषण और ग्राउंड वाटर लेबल का मसला उठाया. कहा कि ग्राउंड वाटर की स्थिति काफी खराब है. इसलिए सरकार को बोरिंग व डीप बोरिंग से परहेज करना चाहिए. नदियों और तालाबों की स्थिति काफी खराब है. उन्होंने चांडिल डैम का मसला उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीय जल नीति के अनुसार पानी पर अब सबसे पहला हक पीने के लिए रखा गया है. चांडिल डैम से पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. इसके कारण जमशेदपुर एरिया में पानी की दिक्कत हो रही है. सरकार को राज्य जल आयोग का गठन करना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि हमने कितना बारिश जल का संरक्षण किया. कितना पानी हमारे पास है, कितनी जरूरत है. सभी का आकलन हो सकेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को वर्षों पुरानी योजना को एक टाइम फ्रेम तय कर पूरा करना चाहिए.
बंद पड़ी खदानों में अकूत पानी, ट्रीटमेंट कर सप्लाई की व्यवस्था करे सरकार : राज सिन्हा
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि धनबाद में पानी का घोर संकट है. सरकार के पास पानी बहुत है. बंद पड़ी कोयला खदानों में अकूत पानी जमा है. सरकार को सभी बंद पड़ी खदानों में जमा पानी को लेकर योजना बनानी चाहिए, ताकि इसका पानी ट्रीटमेंट कर सप्लाई की जा सके.
और कितना ग्राउंड वाटर का दोहन होगा, बोरिंग बंद हो : विनोद सिंह
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि हमारे सदस्य बोरवेल की मांग रहे हैं. मगर मांग करने से पहले यह सोचना चाहिए कि आखिरकार हमारा ग्राउंड वाटर का लेबल कहां पहुंच गया है. कब तक और कहां तक इसका दोहन किया जा सकता है. इसलिए अब हमें बोरिंग से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कोनार नदी का मसला उठाते हुए कहा कि कैनाल का काम पूरा कर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये.
भागवत झा आजाद के समय की योजना अब तक पूरी नहीं हुई : प्रदीप यादव
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने 50-50 साल पुरानी योजना के अब तक पूरा नहीं होने पर सवाल किया. कहा कि कई योजनाएं बिहार के सीएम रहे भागवत झा आजाद के समय की हैं. वे तो दुनिया में अब नहीं रहे, मगर योजना पूरी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी विडंबना है कि योजना लागत बढ़ती जा रही है, योजना पूरी नहीं हो रही है. इसलिए सरकार को चाहिए एक-एक योजना चुन कर उसे पूरा किया जाये, ताकि लोगों को पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि ग्राउंड वाटर की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 259 प्रखंडों में से 11 में हालत क्रिटिकल है. कहा कि अब जिला स्तर पर भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए.
पांच-पांच प्रति पंचायत बोरिंग योजना शुरू की जाए : लंबोदर महतो
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि सरकार ने एक बार पांच-पांच प्रति पंचायत बोरिंग विधायकों को दिया था, मगर अब बंद कर दिया है. राज्य में जलसंकट बढ़ रहा है, इसलिए सरकार इस योजना को पुन: शुरू करे. उन्होंने सरकार के पूर्व की घोषणा को याद दिलाते हुए कहा कि हर विधायक के क्षेत्र में एक स्टेडियम मिलेगा. मगर अब तक नहीं मिला. सरकार इसे जल्द पूरा करे. उन्होंने तेनुघाट डैम को भी पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग की.
विधायकों को एक चालक व पीए रखने की सुविधा मिले : दीपिका सिंह पांडेय
कांग्रेस विधायक दीपिका सिंह पांडेय ने कहा कि सरकार से विधायकों को एक चालक और एक पीए रखने की सुविधा प्रदान की जाए. वहीं जेपी पटेल ने सदन में पूर्व विधायकों को एक चालक और एक पीए रखने की सुविधा देने की मांग की. उन्होंने पत्रकारों के लिए तेलांगाना की तर्ज पर प्रेस अकादमी के गठन की मांग की. उन्होंने विधायक फंड भी बढ़ाने की मांग की. नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि जहां कोई 4 हजार करोड़ का घाेटाला करके बाहर है, जबकि एक विधायक एवं पूर्व मंत्री बंधु तिर्की मात्र 6 लाख रुपये में विधायकी खो देते हैं. छह लाख में तो आज एक ट्रैक्टर भी नहीं मिलता है.
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