- आजसू पार्टी का तीन दिवसीय महाधिवेशन शुरू
- पहले दिन पार्टी का प्रतिविदेन पेश
- झारखंड आंदोलनकारी सम्मानित किए गए
Ranchi : आजसू पार्टी का तीन दिवसीय महाधिवेशन का आगाज शुक्रवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में हुआ. पहले दिन उद्घाटन सत्र में पार्टी प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि झारखंड नवनिर्माण संकल्प समागम इस बात का आकलन करने का अवसर है कि अधिकार, स्वाभिमान एवं पहचान के लिए संघर्ष करते-करते हम खुद को कहां खड़े पाते हैं. यहां से आगे का रास्ता क्या है. झारखंड में जल, जमीन, जंगल एवं खनिज की लूट ने झारखंड निर्माण आंदोलन को जन्म दिया था. राज्य निर्माण के बाद बनी सरकारों की झारखंड आंदोलन के उद्देश्यों को पूरा करने में विफलता ने राज्य को फिर से एक क्रांति की चौखट पर लाख खड़ा किया है. आगे का रास्ता बनाने के लिए अपने शहीदों को याद कर सिर पर कफन बांध फिर से सड़क पर उतरने की नौबत बनती दिखती है.
आजसू पार्टी झारखंड आंदोलन की कोख से जन्मी है
सुदेश महतो ने कहा कि आजसू पार्टी झारखंड आंदोलन की कोख से जन्मी है. झारखंड के सपूतों की शहादत एवं बलिदान से सिंचित आजसू पार्टी उनके सपनों तथा झारखंड के युवाओं, किसानों, मजदूरों, वंचितों, अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं की आकांक्षाओं एवं अरमानों के लिए संघर्ष करने वाला एक राजनीतिक संगठन है. वर्ष 2000 से आजसू पार्टी एक राजनीतिक दल के रूप में झारखंड के लोगों की बुनियादी जरूरतों, सामाजिक सरोकारों, आर्थिक उन्नति, राजनैतिक चेतना, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा उनके हक- अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है. हम आज भी आदिवासी, ओबीसी एवं पिछड़ों के अधिकार एवं विकास के लिए सतत संघर्षशील हैं. आजसू झारखंड के राजनीतिक धरातल पर युवाओं, महिलाओं एवं वंचितों के संघर्षशील धारा का प्रतिनिधित्व करती है.
ज्वलंत विषयों पर परिचर्चा का आयोजन
वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य ज्वलंत विषयों पर परिचर्चा कर झारखंड नवनिर्माण के लिए आगे का रास्ता तय करने हेतु गंभीर मंथन इस झारखंड नवनिर्माण संकल्प समागम में किया गया है. विषय विशेषज्ञ, बुद्धिजीवों, सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवी संगठनों का प्रतिनिधित्व के ग्रहण मंथन से निकले वैचारिक एवं राजनीतिक रूढ़ों पर चलकर आजसू अगले 5 वर्षों में झारखंड आंदोलन के मूल उद्देश्यों को हासिल करने तथा झारखंड के सपनों को साकार करने का आजसू पार्टी आज संकल्प लेती है.
सपने पूरे नहीं हुए हैं, आंदाेलन जारी है- संजय बसु मल्लिक
महाधिवेशन के दूसरे सत्र में झारखंड आंदोलन का औचित्य विषय पर परिचर्चा में बोलते हुए संजय बसु मल्लिक ने कहा कि सिर्फ बिहार से अलग होने के लिए झारखंड आंदोलन खड़ा नहीं किया गया था. इसका मकसद अलग राज्य के सपने साकार करने थे. लेकिन सपने पूरे नहीं हुए हैं, इसलिए आंदोलन आज भी जारी है. भोजन अवकाश के बाद तीसरे सत्र में झारखंडी युवाओं की चुनौतियां, स्थानीयता और नियोजन नीति पर परिचर्चा की गई. डॉ लंबोदर महतो ने विषय प्रवेश कराया. सुरेश कुमार महतो के अलावा प्रसिद्ध वकील रश्मि कात्यायन और राजीव गुप्ता ने विस्तार से अपने विचार रखे. चौथे सत्र में झारखंड में सामाजिक न्याय और राजनीतिक भागीदारी विषय पर विचार मंथन किया गया. पूर्व मंत्री रामचंद्र सहित ने विषय प्रवेश कराया, जबकि विशेषज्ञ के तौर पर प्रो दिलीप मंडल ने विस्तार से अपनी बातें रखी.
आंदोलनकारियों को किया गया सम्मानित
महाधिवेशन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय अध्यक्ष और पार्टी के अन्य नेताओं ने झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मानित किया. इनमें बादल महतो, राजू महतो, डॉ आफताब जमील, प्रो खालिक अहमद, उमेश उरांव, फजल अब्बास, प्रो अलाउद्दीन अंसारी, सुप्रीति मुर्मू, अमीन अहमद, शिवजी मल्लिक, टाइगर सुशील, सुशील हांसदा, राजेंद्र मेहता, हसन अंसारी, डॉ देवशरण भगत, संजय बसु मल्लिक, हरिमोहन महतो, अंशुमान सुंडी शामिल हैं. पार्टी के विधायक रहे आंदोलनकारी दिवंगत कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत और दामोदर महतो की पत्नी यशोदा देवी, विरेंद्र भगत की पत्नी निर्मला भगत को भी सम्मानित किया गया गया. इनके अलावा वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट प्रो दिलीप मंडल को भी सम्मानित किया गया.
पार्टी का प्रतिवेदन और संविधान संशोधन पेश
महाधिवेशन के पहले दिन पार्टी के प्रधान महासचिव पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसमें वर्ष 2017 में हुए छठे महाधिवेशन के बाद से अब तक की पार्टी के कार्यक्रमों, गतिविधियां, आंदोलन की तिथिवार जानकारी दी गई. इसके साथ ही केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने संविधान संशोधन पेश किया.
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