Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने तीन नवंबर तक परिवहन विभाग के कर्मियों को पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि कर्मचारियों के पेंशन का भुगतान कर अदालत को सूचित किया जाये. इस मामले की सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव अदालत में हाजिर थे. उन्होंने आदेश का पालन करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया. जिसे अदालत ने स्वीकार करते हए अगली सुनवाई के लिए तीन नवंबर की तिथि निर्धारित की है. इस संबंध में शंकर प्रसाद केसरी एवं अन्य ने अवमाननावाद दायर की है. याचिका में कहा गया है कि राज्य गठन के बाद हुए कैडर विभाजन में झारखंड आए परिवहनकर्मियों का राज्य परिवहन कॉरपोरेशन में समायोजन किया गया था, लेकिन जब वह सेवानिवृत्त हुए तो पेंशन के लिए परिवहन विभाग ने झारखंड आने के पहले की अवधि की गणना नहीं की.
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वहीं झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची और जमशेदपुर में गठित अतिरिक्त जेजे बोर्ड (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) के रिक्त पदों पर 45 दिनों के अंदर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है. इसके साथ अदालत ने छह जिलों में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों को भी भरने का निर्देश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने बचपन बचाओ आंदोलन एवं अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को यह निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि दुर्गापूजा आ रहा है, ऐसे में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ आएगी. मेले में बच्चों के गुम होने की आशंका बनी रहती है, ऐसे में बाल कल्याण कमेटी को बच्चों की गुमशुदगी के मामलों पर नजर रखनी चाहिए.
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