Ranchi : झारखंड बीजेपी ने कहा है कि राज्य सरकार गांव-गुरबा, गरीब और मजदूरों की जमीनी मुद्दों से मुंह चुरा रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है. सरकार को डर है कि पंचायत चुनाव होंगे तो लोग जेएमएम- कांग्रेस और आरजेडी की सरकार को जबर्दस्त झटका देंगे. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव भले दलीय आधार पर नहीं होंगे, लेकिन यह सरकार जानती है कि लोग इन पार्टियों द्वारा समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करेंगे और इसी वजह से पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं कर टालमटोल कर रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव चुनाव नही होने से मनरेगा में लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण राज्य में तेजी से पलायन बढ़ रहा है. 23,30,103 परिवारों को मनरेगा के तहत 1 दिन का भी काम नहीं मिल सका है. इस कारण पलायन बढ़ गया है.
बार-बार कोरोना का बहाना बनाकर चुनाव टाल रही सरकार
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर 2020 में ही राज्य में पंचायत का कार्यकाल खत्म हो गया था. पड़ोस के राज्यों ने अपने-अपने राज्य में पंचायत चुनाव कराकर पंचायत को अधिकार देने का काम किया है, लेकिन यह सरकार बार-बार कोरोना या अन्य बहाना बनाकर चुनाव को टालते जा रही है. इसके पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी 2021 में जारी मतदाता सूची के आधार पर चुनाव की तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन अब जनवरी 2022 के अर्हता को ध्यान में रखकर चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में 2 वर्षों से लंबित पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित करने पर फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद ही राज्य सरकार विचार करने का निर्णय लिया है.
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जल-जंगल-जमीन का नारा देने वाले जंगल को कर रहे खत्म
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने सत्ता में आने के लिए जल-जंगल -जमीन बचाने का नारा का सहारा लिया, लेकिन सत्ता में बैठते ही सत्ता के संरक्षण में माफियाओं द्वारा तेजी ने जंगलों का दोहन शुरू हो गया है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में 2019 में घना वन क्षेत्र 2603.02 वर्ग किलोमीटर था और 2021 के सर्वे में 2601.05 वर्ग किलोमीटर हो गया. इसका अर्थ यह कि 2 वर्ग किलोमीटर की कमी आयी है.
मजदूर काम मांगते रहे, लेकिन 23 लाख कार्डधारियों को नहीं मिला मनरेगा में काम
दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड में 23,30,103 परिवारों को मनरेगा के तहत 1 दिन का भी काम नहीं मिल सका है. राज्य के 45,80,269 जॉब कार्डधारी परिवारों में से 22,50,166 परिवार ही ऐसे हैं जिन्हें 1 या उससे अधिक दिन काम मिला है. राज्य में केवल 54041 परिवार को ही 100 दिनों का काम मिल सका है. एक तरफ जहां राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम देने का निर्देश दे रही है, वहीं दूसरी ओर गरीबों को काम से वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि 90% से अधिक लोगों ने राज्य सरकार से काम मांगा पर राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण लोगों को काम नहीं मिल सका. जिस कारण लाखों लोगों का पलायन फिर से शुरू हो गया है.
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