Manoharpur : आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक सुशील बारला की पहल पर सारंडा की समस्याओं के समाधान को लेकर तीन गांव दिकूपोंगा, मरंगपोंगा एवं होलोंगऊली की ग्रामसभा मुंडा सोमा होनहगा की अध्यक्षता में की गई. सभा में बतौर मुख्य अतिथि सुशील बारला ने कहा कि आजादी के 75 साल और झारखंड अलग हुए 20 वर्षों बाद भी सारंडावासियों को मौलिक सुविधाओं से वंचित किया गया है. एशिया प्रसिद्ध लौह अयस्क खान चिड़िया, गुवा, किरीबुरू, मेघाहातुबुरू इसी क्षेत्र में मौजूद हैं. बावजूद सारंडावासी नाला का पानी पीने को विवश हैं. गुणवतापूर्ण बिजली का निर्माण नहीं होने से 7 गांव के 16 ट्रांसफार्मर खराब हैं. जनप्रतिनिधि भी मौन हैं.
पुल निर्माण, मोबाइल टावर लगाने, राजस्व गांव घोषित करने की मांग उठी
ग्रामसभा में छह प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें मरंगपोंगा-होलोगउली के बीच पुल का निर्माण करने, मरंगपोंगा में एक मोबाइल टावर की स्थापना करने, 1905 से 1927 के बीच सारंडा वन क्षेत्र में बसाए गए वनग्राम को राजस्व गांव घोषित करने, मरंगपोंगा से जराईकेला तक लगभग 19 किमी सड़क का निर्माण करने, दीघा पंचायत अन्तर्गत 7 गांव के 16 खराब ट्रांसफार्मर को तत्काल ठीक कर बिजली व्यवस्था चालू करने का प्रस्ताव लिया गया. बैठक को पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, मुखिया गुरवारी मुंडारी, ओडेया देवगम, बरजुराम बहंदा, गाजू होनहगा, जानुमसिंह होनहगा ने भी सम्बोधित किया. मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.