Kiriburu / Gua : किरीबुरु/गुवा
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत की आजादी को लेकर महात्मा गांधी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़े. पंडित जवाहरलाल नेहरू दूरदर्शिता और गंभीरता के परिचायक थे. यह बातें गुवा सेल के मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी ने जेनरल ऑफिस के सामने फिटनेस पार्क में पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा का अनावरण करते हुए कही. श्री गिरी ने कहा कि चाचा नेहरू ने नमक सत्याग्रह हो या 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, उन्होंने गांधीजी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया. चाचा नेहरू से गांधीजी काफी प्रभावित थे, इसलिए आजादी के बाद वह उन्हें प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते थे. नेहरू ने किसानों के हित के लिए सन 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया. 1923 में वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव चुने गए. उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए तथा बच्चों को शिक्षित एवं वैज्ञानिक बनाने के लिए बहुत सारे इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना की. चाचा नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. और वह बच्चों से बहुत ही प्यार करते थे. बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे. उनका निधन 27 मई 1964 को हुआ. नेहरू के जन्मदिवस को ही बाल दिवस भी मनाया जाता है. इस दौरान सबों ने उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रण लिया. इस अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा का अनावरण किया गया जिसमें सेल के अधिकारियों में श्रीमंत पंडा, एनके झा, सीबी कुमार, एसपी दास, सुमन कुमार, सुकरा हो, डॉक्टर टीसी आनंद, दीपक प्रकाश, राकेश सिन्हा सहित यूनियन के पदाधिकारियों में दुचा टोप्पो, राजकुमार झा, मुकेश लाल, लाल बाबू गोस्वामी सहित अन्य मौजूद थे.