Gua : प्रभु जगन्नाथ के नीलाद्री विजे के साथ ही 12 दिनों तक चलने वाली रथयात्रा पूजा मंगलवार को संपन्न हुई. आज महाप्रभु जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा का मंदिर में प्रवेश कराया गया. इस दौरान स्थानीय भजन मंडली द्वारा भजन कीर्तन की प्रस्तुति की गई. सभी भगवान की भक्ति में लीन रहे. इससे पूर्व सोमवार को पूजारी जितेंद्र पंडा द्वारा रथ के उपर पोनासर्वत से भरी मटकी को फोड़ कर अधर पोना का रस्म निभाया गया.
मान्यता है की रथ के उपर विराजमान महाप्रभु जगन्नाथ के दुर्लभ दर्शन के लिए समस्त देवी-देवता पृथ्वी लोक पर अवतरित होकर रथ में विराजमान होते हैं. जिसको लेकर पोनाभोग से समस्त देवी-देवताओं को तृप्त करने की प्रथा रही है. अगले दिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रसगुल्ले के भोग लगाकर चतुर्थ मूरत को जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह स्थित रत्नवेदी में विराजमान कराया गया. मौके पर जितेंद्र पंडा, रमेश चटर्जी,सत्यनारायण झा, रामनारायण सिंह, संतोष बेहेरा, विमल दास, गोविंद दास, सानू, गोपीनाथ बिहारी, जागरण दास, तारापोदो दिव्यसिन्ह पंडा व अन्य मौजूद थे.
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