Ahmedabad : गुजरात के सूरत पूर्व से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने नाम वापस लेने के बाद आरोप लगाया कि पार्टी वालों ने उनसे पैसे मांगने शुरू कर दिये थे, इसलिए नाम वापस लिया. साथ ही कंचन जरीवाला ने यह आरोप नकार दिया कि उनका भारतीय जनता पार्टी ने अपहरण करवाया था. बुधवार को जरीवाला ने कहा कि उनकी इतनी हैसियत नहीं है कि वह 80 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक दे सकें.
AAP workers started demanding money, says Kanchan Jariwala after withdrawing nomination from Surat East assembly seat
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— ANI Digital (@ani_digital) November 16, 2022
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लोग बार-बार फोन करके परेशान कर रहे थे
कंचन जरीवाला के अनुसार नामांकन के बाद सूरत पूर्व विधानसभा में आप कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया. कहा कि कार्यकर्ता पैसे की मांग करने लगे. मैं इतना सक्षम नहीं हूं कि मैं 80 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये खर्च कर सकूं. जरीवाला ने आरोप लगाया कि पार्टी का दबाव पड़ रहा था. लोग बार-बार फोन करके परेशान कर रहे थे. पैसे मांगने लगे. कहा कि इसके बाद मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया. उनमें भाजपा से कोई नहीं था. पूछे जाने पर कहा कि अब मुझे क्या करना है, यह मैं पांच-सात दिनों के बाद बताऊंगा.
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मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपा
उधर, बुधवार शाम आप नेता मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में पार्टी का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मिल कर ज्ञापन सौंपा, जिसके आधार पर आयोग ने गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से आरोपों की जांच करने और कार्रवाई करने को कहा. बता दें कि दिल्ली में पत्रकारों से सिसोदिया ने कहा था कि जरीवाला और उनके परिवार के सदस्य मंगलवार से लापता हैं. सिसोदिया ने कहा कि भाजपा गुजरात चुनाव में बुरी तरह हार रही है.
भाजपा ने कंचन जरीवाला का अपहरण कर लिया
उन्होंने कहा, हार के डर से भाजपा के गुंडों ने सूरत से आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला का अपहरण कर लिया. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा के गुंडों ने जरीवाला का नामांकन रद्द कराने की भी कोशिश की थी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ऐसा नहीं कर सके क्योंकि उनके कागजात में कोई कमी नहीं थी.
यह लोकतंत्र का अपहरण है : सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा, यह केवल हमारे उम्मीदवार का ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र का अपहरण है. गुजरात में हालात बहुत खतरनाक है. जान लें कि मनीष सिसोदिया और पार्टी के अन्य नेताओं ने कथित अपहरण को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रदर्शन किया.