Ahmedabad : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका में बुधवार आधी रात द्वारकाधीश मंदिर के दरवाजे क्यों खोले गये, यह जान कर आप चौंक जायेंगे. जान लें कि मंदिर के पट किसी VIP के लिए नहीं, बल्कि 25 गायों के लिए खोले गये. ये गायें अपने मालिक के साथ 450 किमी की पैदल यात्रा कर कच्छ से द्वारका आयी थी.
खबरों के अनुसार कच्छ में रहने वाले महादेव देसाई की गोशाला की 25 गायें दो माह पूर्व लंपी वायरस से ग्रसित हो गयी थीं. यह वह समय था, जब पूरे सौराष्ट्र में लंपी वायरस से गायों के मरने का सिलसिला जारी था. यह देखते हुए महादेव ने भगवान द्वारकाधीश से मन्नत मांगी कि अगर उनकी गायें ठीक हो गयीं. तो वे इन गायों के साथ दर्शन करने आयेंगे.
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तो इसलिए आधी रात को खोला गया मंदिर
जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन के सामने बड़ी समस्या आ गयी कि गायों को मंदिर में प्रवेश कैसे कराया जाये, क्योंकि यहां दिन भर हजारों भक्तों की भीड़ रहती है. ऐसे में गायों के पहुंचने से मंदिर की व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था. विचार-विमर्श के बाद मंदिर आधी रात को खोलने का निर्णय लिया गया.
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भगवान श्रीकृष्ण तो गायों के ही भक्त थे
कहा गया कि भगवान श्रीकृष्ण तो गायों के ही भक्त थे, तो वे रात में भी इन्हें दर्शन दे सकते हैं. इस तरह रात के 12 बजे के बाद मंदिर के दरवाजे खोल दिये गये.गायों ने सबसे पहले भगवान द्वारकाधीश के दर्शन करने के बाद मंदिर की परिक्रमा की. मंदिर परिसर में कई लोग गायों के स्वागत के लिए मौजूद थे. मंदिर के पुजारियों ने भगवान के प्रसाद के अलावा इनके लिए चारे और पानी की व्यवस्था की थी.
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ठीक हो गयी गायें, दूसरी गायों में वायरस भी नहीं फैला
महादेव देसाई ने बताया कि भगवान द्वारकाधीश पर सब कुछ छोड़कर मैं गायों के इलाज में जी जान से लग गया. कुछ दिन बाद ही गायें ठीक होने लगीं. 20 दिन में सभी 25 गायें पूरी तरह स्वस्थ हो गयी. गोशाला की दूसरी गायों में भी लंपी वायरस का संक्रमण नहीं फैला. महादेव ने बताया कि गायें जब पूरी तरह स्वस्थ हो गयी तो मैं इन्हें लेकर पैदल ही कच्छ से द्वारका के लिए चल पड़ा.