Gumla : जिले के सिसई थाना क्षेत्र में अंधविश्वास में ग्रामीणों ने दो भाईयों संजय उरांव और अजय उरांव के साथ मारपीट की है. ग्रामीणों मे दोनों को खंभे से बाधकर पीटा है. ग्रामीणों की पिटाई से दोनों भाई अधमरा हो गया है. वहीं एक भाई की बायीं आंख भी फोड़ दी गयी है. जिसके बाद छोटी बहन ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंच कर दोनों भाईयों की जान बचायी और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. इस मामले में लकेया पंचायत की मुखिया सुगिया देवी समेत 10 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
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मुखिया सुगिया देवी उसकी मां को डायन बता कर प्रताड़ित करती रहती है
संजय उरांव ने पुलिस को बताया कि लकेया पंचायत की मुखिया सुगिया देवी उसकी मां को डायन बता कर प्रताड़ित करती रहती है. साथ ही ग्रामीण रंथू गोप के साथ मिलकर मुखिया ने उनके पूरे परिवार का गांव से बहिष्कार करा दिया है. बीते शनिवार को ग्रामीणों ने अजय उरांव को पोल से बांध कर पीटा. उसे खोजने गये भाई संजय पर भी जानलेवा हमला किया. जिसके बाद पोल से बांध दिया गया.
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पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है
ग्रामीणों ने भाई का मोबाइल और 13,500 रुपये भी लूट लिये. उनके माता-पिता और अन्य परिजन बचाने आये, तो उन पर भी हमला कर दिया गया. जिसके बाद बहन ने भागते हुए थाना पहुंची और मामले की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस ने दोनों भाईयों को ग्रामीणों से मुक्त कराया और अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर ने अजय उरांव की बायीं आंख फूट जाने की जानकारी दी. जिसके बाद दोनों को गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. मुखिया समेत 10 पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पुलिस सात नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही आरोपियों में लकेया गांव निवासी प्रवीण उरांव, जगतपाल उरांव, विश्वनाथ उरांव, रोहित उरांव, अमित उरांव, विजय उरांव, बोलवा उरांव, मोती उरांव और रंथू गोप शामिल हैं.
पीड़ित संजय उरांव ने बताया कि मुखिया उनकी मां को करीब डेढ़ साल से प्रताड़ित कर रही है. पूर्व में भी डायन बिसाही का आरोप लगाकर मारपीट की गयी थी. 27 जुलाई को सिसई थाना में लिखित सूचना दी गयी थी. लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर सात सितंबर को एसपी से कार्रवाई की मांग की गयी है.
मुखिया ने कहा – अरोप बेबुनियाद है
वहीं मुखिया सुगिया देवी ने कहा कि मुझ पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. ग्रामीणों द्वारा मारपीट की जानकारी मिलते ही मैं अपने पति पति मोती उरांव के साथ घटनास्थल पहुंची थी. बीच-बचाव कर मामला शांत कराने की कोशिश की. . पुलिस को सूचना देकर बुलाया. करीब 10 वर्षों से संजय उरांव के परिवार से हमारी पुश्तैनी जमीन का विवाद चल रहा है.
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