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गुतारेस ने चेताया, ग्लोबल वार्मिंग से भविष्य में सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र नदियों का जल प्रवाह कम सकता है

बाइस से 24 मार्च तक जारी सम्मेलन में जो भी निकलकर आयेगा, उसे सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के 2023 सत्र में शामिल किया जायेगा.

by Lagatar News
23/03/2023
in देश-विदेश, लगातार न्यूज़
गुतारेस ने चेताया, ग्लोबल वार्मिंग से भविष्य में सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र नदियों का जल प्रवाह कम सकता है
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UN : आने वाले दशकों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमनद घटने से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों में जल प्रवाह कम हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यह कहा. गुतारेस इंटरनेशनल ईयर ऑफ ग्लेशियर प्रिजर्वेशन पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन के मौके पर आयोजित किया गया.

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हिमनद पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं

उन्होंने कहा कि हिमनद पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं. दुनिया के 10 प्रतिशत हिस्से में हिमनद हैं. हिमनद दुनिया के लिए जल का एक बड़ा स्रोत भी हैं. गुतारेस ने चिंता व्यक्त की कि मानव गतिविधियां ग्रह के तापमान को खतरनाक नये स्तरों तक ले जा रही है और पिघलते हुए हिमनद बेहद खतरनाक हैं. अंटार्कटिका में हर साल औसतन 150 अरब टन बर्फ घट रही है, जबकि ग्रीनलैंड की बर्फ और भी तेजी से पिघल रही है. वहां हर साल 270 अरब टन बर्फ पिघल रही है. एशिया की 10 प्रमुख नदियां हिमालय क्षेत्र से निकलती हैं, जो इसके जलसम्भर में रहने वाले 1.3 अरब लोगों को जल की आपूर्ति करती हैं.

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आने वाले दशकों में हिमनद और बर्फ की चादरें घटेंगी

गुतारेस ने कहा, जैसे-जैसे आने वाले दशकों में हिमनद और बर्फ की चादरें घटेंगी, वैसे-वैसे सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों में इसका प्रभाव दिखेगा और उनका जल प्रवाह कम होता जायेगा. उन्होंने कहा कि दुनिया पहले ही देख चुकी है कि कैसे हिमालय पर बर्फ के पिघलने से पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गयी है. वहीं समुद्र का बढ़ता स्तर और खारे पानी का प्रवेश इन विशाल डेल्टा के बड़े हिस्से को नष्ट कर देगा.

सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अभी जारी है

जल सम्मेलन में औपचारिक रूप से जल व स्वच्छता पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक दशक (2018-2028) में किये जाने वाले कार्यों की मध्यावधि समीक्षा की गयी. यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अभी जारी है. ताजिकिस्तान और नीदरलैंड इसकी मेजबानी कर रहे हैं. बाइस से 24 मार्च तक जारी सम्मेलन में जो भी निकलकर आयेगा, उसे सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के 2023 सत्र में शामिल किया जायेगा.

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