Varanasi : ज्ञानवापी मसले पर अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी. वाराणसी कोर्ट में सोमवार को करीब 2 घंटे तक सुनवाई चली थी. इस बीच मुस्लिम पक्ष ने विस्तार से अपनी बात रख दी है. वाराणसी की जिला और फास्ट ट्रैक कोर्ट में 30 मई को ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई. फास्ट ट्रैक में सुनवाई पूरी हो चुकी है. वहीं ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में 2 बजे से शुरू हुई. फोटो और वीडियो के बारे में अदालत दिशा निर्देश तय करेगी और उसके बाद दोनों पक्षों को सर्वे की रिपोर्ट दे दी जाएगी.
प्रतिवादी पक्ष अब भी पेश कर रहा अपनी दलीलें
मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने कहा कि वादी पक्ष द्वारा किया गया दावा कि मस्जिद परिसर वक्फ संपत्ति नहीं है, गलत है. फिलहाल, हिंदू पक्ष द्वारा दायर वाद के पैराग्राफ प्रतिवादी पक्ष द्वारा पढ़े जा रहे हैं.
मुस्लिमों का प्रवेश रोकने पर भी सुनवाई आठ जुलाई तक टली
ज्ञानवापी में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने और हिन्दुओं का पूजा का अधिकार देने के मामले में दायर याचिका पर भी सुनवाई टल गई है। अब इस याचिका पर भी सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद 8 जुलाई को होगी। किरण सिंह बिसेन की याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहले सोमवार की सुबह सुनवाई हुई। अदालत ने पहले शाम 4 बजे तक के लिए मामले को टाल दिया। चार बजे अदालत फिर बैठी और आठ जुलाई तक सुनवाई टाल दी गई।
मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 के दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव पर कहा
मुस्लिम पक्ष ने वर्ष 1937 के दीन मोहम्मद बनाम राज्य सचिव के मुकदमे का निर्णय पढ़ा. दलील में कहा कि अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों के आधार पर फैसला किया था कि यह पूरा परिसर (ज्ञानवापी मस्जिद परिसर) मुस्लिम वक्फ का है और मुसलमानों को इसमें नमाज अदा करने का अधिकार है. दरअसल, मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है, इस दावे के साथ मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अपनी दलीलें जारी रखे हुए हैं.
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