New Delhi : ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर अदालत से झटका मिलने के बाद मुस्लिम पक्ष ने बड़ा फैसला किया है. मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट का रुख करेगा. जिला जज विश्वेश ने कहा कि यह मामला सुनने योग्य है. अदालत का फैसला आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है. मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है. वहीं इस फैसले के बाद मौलाना खालिद राशिद ने कहा- बाबरी मस्जिद के जजमेंट के दौरान वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कही थी, उससे यह लगने लगा था कि अब देश में मंदिर-मस्जिद का मसला खत्म हो गया है, लेकिन उसके बावजूद इस तरीके के मुद्दे आ रहे हैं.
हमारी टीम करेगी स्टडी- मौलाना खालिद राशिद
उन्होंने कहा- हमारी लीगल टीम स्टडी करके अगला कदम उठाएगी. सैकड़ों सालों से लोग वहां पर नमाज अदा कर रहे हैं. मौलाना ने अपील की है कि- सब लोग शांति रखें क्योंकि यह एक लीगल मसला है, जिसका फैसला अदालत में ही होना है.
क्या थी अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका
अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजा करने की अनुमति ना देने की बात कही थी. इसके अलावा अपनी अपील में 1991 प्लेसेस ऑफ वरशिप का जिक्र किया था. साथ ही मुस्लिम पक्ष हमेशा से यह दावा कर रहा था कि प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट की वजह से हिंदू पक्ष का वाद खारिज कर दिया जाना चाहिए. साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदल सकते और ये प्रॉपर्टी वक्फ की है और वक्फ में दर्ज है. इस पक्ष ने यह भी कहा था कि ज्ञानवापी में ‘शिवलिंग’ नहीं फव्वारा है.
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