Hazaribagh : डीएवी पब्लिक स्कूल हजारीबाग के दो बच्चों श्रीमान हार्दिक और शुभम कुमार ने जिले का मान बढ़ाया है. दोनों बच्चों ने राज्य स्तर पर फिट इंडिया क्विज में विनर बन सम्मान पाया. यह क्विज टीम 27 मई को आयोजित फिट इंडिया क्विज में स्टेट चैंपियन बनी. इस क्विज को भारत सरकार, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, खेलो इंडिया मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था. इस क्विज में पूरे झारखंड से 7000 बच्चों और 662 स्कूलों ने भाग लिया.
इसे भी पढ़ें :डैम से पानी बहाने वाले फूड इंस्पेक्टर की बढ़ सकती है मुश्किलें, वायरल तस्वीरें बनी मुसीबत
डीएवी हजारीबाग की टीम 450 अंकों की बढ़त के साथ चैंपियन बनी
इसमें सबसे पहले एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ओर से पहला राउंड आयोजित किया गया. इसमें आठ सेमीफाइनलिस्ट टीमों का चयन हुआ. इन आठ टीमों के लिए 25 मई को सेमीफाइनल हुआ, जिसमें कुल चार टीमों का चयन राज्य स्तरीय फाइनल के लिए हुआ. उन चार स्कूलों में डीएवी हजारीबाग, ब्रिजफोर्ड रांची, मोतीलाल नेहरू स्कूल जमशेदपुर और जवाहर नवोदय विद्यालय देवघर की टीमें थी. फाइनल टीम में श्रीमान हार्दिक और शुभम कुमार प्रतिभागी के रूप में थे. डीएवी की टीम 450 अंकों की बढ़त के साथ चैंपियन बनी. अब जुलाई में मुंबई में राष्ट्रीय स्तर के क्विज होंगे. इस क्विज में भारत के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में उधम सिंह और पीएन दास सर पूरे क्विज के दौरान उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें :बिहार : मिड डे मील में जहरीला सांप, 100 बच्चे अस्पताल में भर्ती
स्कूल और दोनों बच्चों को मिलेगी पुरस्कार राशि
राज्यस्तरीय के विजेता बनने के लिए डीएवी स्कूल को खेल के विकास के लिए ढाई लाख रुपए और दोनों बच्चों को ₹25,000 की राशि भारत सरकार की ओर से पुरस्कार के रूप में मिलेगी. विद्यालय की टीचर इंचार्ज कविता पांडे ने बच्चों को मिठाई खिलाकर बधाई तथा राष्ट्रीय स्तर के क्विज के लिए शुभकामनाएं दीं. इस शानदार सफलता के लिए पूरे विद्यालय परिवार में हर्ष का माहौल है. इस जीत पर डीएवी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जेके कपूर, निदेशक जेपी शूर, एआरओ झारखंड जोन डी डॉ उर्मिला सिंह, उपाध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल, प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा और स्थानीय प्रबंध समिति के सभी सदस्यों ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि निस्संदेह इसका श्रेय छात्रों की लगातार कड़ी मेहनत, माता-पिता का निरंतर सहयोग और समर्पित शिक्षकों के समय-समय पर उचित मार्गदर्शन को जाता है.