Hazaribag : मेरू कैंप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का 58 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर बीएसएफ के महानिरीक्षक पी एस बैंस ने कहा कि आज का दिन हर एक सीमा प्रहरी व उनके परिजनों के लिए हर्ष का दिन है. सीमा सुरक्षा बल भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं व आतंरिक सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. बल का प्रत्येक कर्मचारी राष्ट्र की सुरक्षा में अपना अहम योगदान दे रहा है.
बीएसएएफ प्रोफेशनल कोर्सों की देता है ट्रेनिंग- आईजी
बीएसएफ के महानिरीक्षक पी एस बैंस ने कहा कि यहां बीएसएफ के कर्मियों को प्रोफेशनल कोर्सों में प्रशिक्षण प्रदान करने की अद्वितीय जिम्मेदारी का गौरव प्राप्त है. इसे प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय नित नए आयाम स्थापित करते हुए पूरा करता रहा है.
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बैंड की धुन से दर्शक हुए मोहित
सीमा सुरक्षा बल के 58 वें स्थापना दिवस के इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए मेरू कैंप सीमा सुरक्षा बल की ओर से कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. बड़े खाने के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल की जॉज एवं ब्रास बैंड की धुन व सीमा प्रहरियों के सीमा सुरक्षा बल गान, देशभक्ति गीत व नृत्य देखते ही बन रहा था.
इस अवसर पर मेरू परिसर के अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी, अन्य कार्मिक एवं झारखंड राज्य के सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त कार्मिक उपस्थित थे.
पूरे देश का गौरव है हजारीबाग का बीएसएफ मेरू कैंप
बता दें कि हजारीबाग का बीएसएफ मेरू कैंप पूरे देश का गौरव है. सीमा सुरक्षा बल एक दिसंबर 1965 से राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन भी कर रहा है. सीमा सुरक्षा बल के संस्थापक के एफ रूस्तम प्रथम महानिदेशक के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शिता का नजारा सन् 1971 के भारत पाक युद्ध में दिखा था. सीमा सुरक्षा बल के सीमा प्रहरियों को उनके शौर्य, साहस एवं बलिदान के लिए एक महावीर चक्र एवं 11 वीर चक्र से नवाजा गया है.
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बीएसएफ में 2.65 लाख कर्मचारी
सीमा सुरक्षा बल कुल 193 वाहिनियों में कार्यरत 2.65 लाख कार्मिकों के साथ एक बड़ा सुरक्षा बल है. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आतंरिक सुरक्षा जैसे नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर जैसी राज्यों की दुर्गम पहाड़ियों, छत्तीसगढ़, झारखंड के घने जंगलों तथा जम्मू और कश्मीर के बर्फीले इलाकों में नक्सलवाद व उग्रवाद से लड़ने में अपना अहम योगदान दे रहा है. साथ ही वीआईपी सुरक्षा जैसे एनएसजी, एसपीजी व कोलंबो तथा कांगो जैसे यूनाइटेड नेशन के विश्वव्यापी सुरक्षा में भी अपना योगदान दे रहा है. विश्व के सबसे बड़े सुरक्षा बल के बहादुर जवानों को तोपखाना, वायु एवं जल स्कंध, ऊंट एवं श्वानों के दस्ते, कमांडो यूनिट, संचार स्कंध बेहतरीन प्रशिक्षण तथा स्वास्थ सेवाओं से मजबूत किया गया है.
बीएसएफ को मिले हैं कई वीरता पुरस्कार
सीमा सुरक्षा बल के सीमा प्रहरियों को अब तक उनके कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्र की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने पर एक महावीर चक्र, 13 वीर चक्र, चार कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मेडल, 232 पीपीएमजी एवं 968 पीएमजी दिए जा चुके हैं. विगत वर्ष 2021 में बल के 70,193 कार्मिकों को पुलिस आतंरिक सुरक्षा पदक से नवाजा गया.
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