Hazaribagh: सीपीआईएम नेता गणेश कुमार सीटू ने डीसी को पत्र लिख कर रिंग रोड के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण कर कार्य तत्काल आरंभ करवाने की मांग की है. बता दें कि हजारीबाग शहर की आबादी बढ़ने के कारण लंबी दूरी की गाड़ियों के लिए शहर से सटे रिंग रोड निर्माण का प्रस्ताव सरकार का है. इसके लिए लगभग 17 गांवों मासीपीढी, सिरसी, डामोडीह, खपरियावां, सिंदूर, नावाडीह, मंडई खुर्द, मंडई कला, अलगडीहा, रोमी, अतिया, गदोखर, कस्तूरी खाप, कदमा, सलगावां, मसरातू की कुछ जमीनों को चिह्नित कर अधिग्रहण कर रिंग रोड को बनाना था. रिंग रोड का कार्य 2004 में आरंभ हुआ था. उस समय इसकी लागत मात्र 52 करोड़ रुपए थी. वर्ष 2011-12 में इसकी लागत बढ़कर 177 करोड़ 99 लाख 57 हजार 900 रुपए हो गई.
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वर्ष 2014-15 में इसकी लागत बढ़कर 223 करोड़ 15 लाख हो गई. 2018 में इसकी लागत बढ़कर 400 करोड़ रुपए हो गई. वर्तमान में इसका लागत बढ़कर लगभग 700 करोड रुपए हो गई है. यह चिंतन-मनन की बात है कि जिस रिंग रोड को 52 करोड रुपए में बननी थी, उसकी लागत अब 700 करोड़ हो गई है. अभी तक पूर्ण रूप से जमीन अधिग्रहण का काम नहीं हुआ है. रोड बनने की बात तो दूर है. लगभग 18 वर्ष में 16 किमी सड़क नहीं बन पायी. इसी बीच राज्य के कई फोरलेन बन कर पूर्ण हो गई. सीपीआईएम नेता गणेश कुमार सीटू ने उपायुक्त हजारीबाग को पत्र लिख कर रिंग रोड के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण कर कार्य तत्काल आरंभ करवाने की मांग की है.
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