Hazaribagh: हजारीबाग के विष्णुगढ़ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सोमवार को प्रखंड सभागार में जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट कृषि विषय पर जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्रखंड तकनीकी प्रबंधक उमेश कुमार राणा ने बताया कि कृषि की तकनीक अब बदल रही है. पारंपरिक तरीके छोड़ खेती के वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं. अब कृषि आधारित रोजगार के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है. जलवायु परिवर्तन के अनुरूप चक्रीय खेती करना लाभकारी है. किसानों को खेती से पहले मिट्टी की जांच करानी चाहिए. सिंचाई प्रबंधन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डोभा से सिंचाई की टपक विधि अपनाकर सब्जी की खेती कर सकते हैं. किसानों को अनावश्यक कीटनाशक दवा से दूर रहने की सलाह दी गई. कम समय और कम पानी उपयोग कर सालों भर खेती कैसे की जा सकती है, इसपर भी चर्चा हुई.
तकनीकी प्रबंधक ने कहा कि मडुवा, ज्वार समेत मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. पुराने धान करहनी, साठी, गोंदली, कमल काठी और गोड़ा धान को पुनर्जीवित करने की जरुरत है. पैक्स अध्यक्षों को कार्यशील पूंजी से बीज उठाकर किसानों के बीच वितरण करने की आवश्यकता बताई गई. प्रखंड में प्रगतिशील किसानों के समूह के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया गया. जागरुकता कार्यक्रम में पौधा संरक्षण पर्यवेक्षक दिलीप पांडेय, किसान फार्मर चैंबर्स के अध्यक्ष सुरेश महतो व मुखिया ननकू महतो ने भी कृषि क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए. शिविर में प्रखंड के कृषक मित्र, प्रगतिशील किसान व पैक्स अध्यक्ष मौजूद रहे.
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