कहा- बिल्डर के झांसे में आकर चौथे ताल्ले में खरीदा था घर
फ्लैट तो मिला पर मां और भाई से टूट गया रिश्ता
लिफ्ट नहीं रहने के कारण पार्किंग के कॉमन रूम में रखकर करना पड़ा भाई का इलाज…
अपार्टमेंट में नहीं है लिफ्ट, सीढ़ियों से नहीं चढ़ पाती है बुजुर्ग मां…
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग शहर में अपार्टमेंट खरीदने वाले अब बिल्डर पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं. वह अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. कई लोगों ने तो फ्लैट खरीदने से अपने माता-पिता से भी दूर हो गए. अपार्टमेंट में लिफ्ट नहीं होने की वजह से कई लोग अपने बूढ़े मां-बाप को साथ नहीं रख पा रहे हैं. परिवार में कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाये तो उसे भी साथ नहीं रख पा रहे हैं. फ्लैट खरीददार कहते हैं कि बीमार लोग या फिर बूढ़े बुजुर्ग सीढ़ियों से तीसरे-चौथे तल्ले पर नहीं जा पाते हैं. जिस वजह से बूढ़े मां-बाप या परिवार के बीमार लोगों को साथ नहीं रख पा रहे हैं. इससे रिश्तों में भी दरार पड़ने लगी है.
दरअसल यह मामला हजारीबाग जावरा रोड स्थित ऐश्वर्या अपार्टमेंट का है. इस अपार्टमेंट में न तो लिफ्ट है और न ही नाली साफ रहता है. जिस वजह से अपार्टमेंट में रहने वाले दर्जन भर लोग परेशान हैं. वह कभी समिति के अध्यक्ष से शिकायत कर रहे हैं तो कभी बिल्डर को अपनी पीड़ा सुना रहे हैं. मगर उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
केस नंबर 1
इस संबंध में बड़कागांव के रहने वाले प्रेम कुमार की पत्नी ने बताया कि मां की इच्छा के अनुसार 2017 में 34 लाख में कन्हरी रोड ऐश्वर्या अपार्टमेंट में 302 नंबर का फ्लैट खरीदा था. जिसमें बिल्डर के द्वारा लिफ्ट की सुविधा एवं अपार्टमेंट में कई अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. मगर अपार्टमेंट में न तो लिफ्ट है और न ही कोई सुविधा. इस कारण वह अपनी मां को फ्लैट में नहीं रख पा रहे हैं. वह कभी अपनी बेटी के घर तो कभी बड़कागांव में अकेले रहने को मजबूर हैं.
एक बार लाए थे और सीढी चढ़ने के दौरान पांव फिसल गया और वह जख्मी हो गई थी. जिसके बाद उस अपार्टमेंट में आने में भी उन्हें डर लगता है. यही कारण है कि मां और बेटे के प्यार में भी दरार पड़ रही है. उन्होंने बताया कि अपनी सास की सेवा करने की इच्छा होती है, मगर नहीं कर पा रही हूं. पति नौकरी पेशा वाले हैं. घर में भी मोटी रकम लग गई है. ऐसे में सास की सेवा करने के लिए बड़कागांव जाएं या पति की सेवा करूं.
केस नंबर 2
इस संबंध में अपार्टमेंट में रहने वाले सह अपार्टमेंट के कोषाध्यक्ष सतीश कुमार ने बताया कि भाई का एक्सीडेंट हो गया था. जिसके वजह से उसे लिफ्ट के अभाव में अपने कमरे में नहीं रख पाए और नीचे ग्राउंड फ्लोर के कॉमन रूम में रखकर ही सेवा करनी पड़ी, जिससे परिवार में दरार पड़ने लगी है.
केस नंबर 3
ऐश्वर्या अपार्टमेंट में रहने वाले पप्पू कुमार ने बताया कि जीवनभर की कमाई लगाकर शहर में रहने की इच्छा जाहिर की थी. जिसमें सभी परिवार एक साथ रहकर एक-दूसरे की सेवा कर सकें, लेकिन बिल्डर के झांसे में आकर चौथी मंजिल में मकान तो मिला पर लिफ्ट के अभाव में बूढी मां को नहीं रख पा रहे हैं. जिस वजह अपनों से भी अब रिश्ता टूटने लगा है. अगर उस वक्त जमीन खरीद कर मकान बनाया होता तो आज पैसे भी कम लगते और सभी परिवार एक साथ रहते.
केस नंबर 4
ऐश्वर्या अपार्टमेंट में रहने वाले जितेंद्र झा ने बताया कि समय के अभाव में बना हुआ फ्लैट खरीदा था. जिसमें कई सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. अब इस अपार्टमेंट में न तो नाली साफ है और ना ही बिल्डिंग ही देखने में खूबसूरत है. सुरक्षा की भी कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. इस बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोग काफी परेशान हैं. किसी का रिश्ता टूट रहा है तो कोई गंदगी और कोई माहौल से परेशान है.
इस संबंध में बिल्डर सनोज ने बताया कि अपार्टमेंट में कई लोगों का पैसा बाकी है. इसी वजह से अपार्टमेंट में लिफ्ट नहीं लग पा रहा है. मीटिंग में कहा गया था कि बकाया पैसा से ही लिफ्ट लगेगा. मगर बकायेदारों ने पैसा अबतक नहीं दिया है.
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