हाल हजारीबाग सरकारी विद्यालय का, जिला शिक्षक अधीक्षक ने कुछ भी कहने से किया इंकार
Hazaribagh: कोर्रा राजकीय बालक मध्य विद्यालय में पढ़ाई के समय बच्चों से ईंट और मिट्टी की धुलाई का काम कराया जा रहा है. दरअसल, विद्यालय के पास में ही निर्माण कार्य चल रहा था, जहां से बच्चे ईंट और मिट्टी की धुलाई करते देखे गए. इस काम में लगभग आधा दर्जन से अधिक बच्चों को स्कूल प्रबंधन ने लगाया था. छात्र कुदाल से मिट्टी उठाकर कढ़ाई में डाल रहे थे और दूसरे बच्चे मिट्टी उठा रहे थे. यह उस वक्त हो रहा था जब पढ़ाई का समय था. स्कूल की प्रभारी प्राचार्य भी उस वक्त स्कूल परिसर में थीं. जब उनसे यह पूछा गया कि आप ऐसा क्यों करवा रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि स्कूल के पास चलने फिरने में परेशानी होती थी और गड्ढा बन गया था. इस कारण बच्चों के साथ मिलकर सभी ने मिट्टी भरा है. लेकिन वीडियो में प्रभारी प्राचार्य आशा कुमारी खड़ी नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि विद्यालय में बाल संसद बनाया गया है. नियम के अनुसार विद्यालय चलता है. श्रमदान करके सभी बच्चों एक-एक कढ़ाई मिट्टी गड्ढे में डाली है. उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय की स्थिति बेहद खराब है. चहारदीवारी नहीं होने के कारण विद्यालय बंद होने के बाद लोग शराब भी स्कूल परिसर में पीते हैं. जहां तहां गंदगी रहती है. आलम यह है कि स्थानीय लोग शौच करने से भी परहेज नहीं करते हैं. स्कूल के शिक्षक और कर्मी स्कूल की सफाई खुद करते हैं. विद्यालय में सफाई कर्मी भी नहीं है. अगर बच्चे काम करते हैं तो उसमें बुराई भी नहीं है.
मामले की कराई जाएगी जांच
इस संबंध में जिला शिक्षक अधीक्षक संतोष गुप्ता से पूछा गया तो वे ऑन रिकॉर्ड कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने आचार संहिता का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. लेकिन उन्होंने फोन करके बीओ को आदेश दिया कि पूरे मामले की जांच की जाए और कार्रवाई भी की जाए क्योंकि यह मामला बेहद गंभीर है. हालांकि सरकार लाखों रुपये बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर रही है और विद्यालय में बच्चों से ईंट और मिट्टी की ढुलाई कराई जा रही है. यह कहां तक सही है इसका जवाब उनके पास नहीं था.
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