घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है
Hazaribagh : चरही थाना क्षेत्र स्थित सरबाहा-23 नंबर दहुदाग दलदलिया रेलवे पटरी पर मंगलवार सुबह बरकाकाना-कोडरमा एक्सप्रेस ने पटरी पार कर रहे एक टैक्टर को अपनी चपेट में लिया. इसमें दो महिलाएं समेत तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं, छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों को सदर अस्पताल हजारीबाग में भर्ती कराया गया है.जानकारी के मुताबिक, ट्रैक्टर पर सवार सभी लोग चरही के सरबाहा गांव के थे. सभी लोग जंगल से दूधी मिट्टी लेकर ट्रैक्टर पर सवार हो वापस गांव लौट रहे थे. घटना की जानकारी मिलते ही चरही पुलिस दलदलिया स्थित घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से घायलों को इलाज के लिए भिजवाया. मृतकों की पहचान बनवारी गंझू के पुत्र रमेश गंझू (40) और जगदेव महतो की पत्नी झुनिया देवी (55) के रूप में हुई है. दोनों के शवों को उनके परिजन अपने गांव सरबाहा ले गए. वहीं, एक अन्य घायल महिला परमेश्वर महतो की पत्नी द्रौपदी देवी को रांची रेफर किया गया था. वहां, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घायलों में महेन्द्र गंझू की पत्नी लालो देवी (40), स्व. वीरेंद्र महतो की पत्नी सुबासो देवी, डालेश्वर महतो की पत्नी सावित्री देवी (30), चंदन महतो का पुत्र करण महतो (18) और रमेश गंझू की पत्नी संगीता देवी (28) शामिल हैं. वहीं, एक अन्य घायल ट्रैक्टर चालक घटनास्थल से फरार हो गया.
दो घायलों का इलाज सदर अस्पताल हजारीबाग, दो का आरोग्यम अस्पताल और एक का रांची रोड के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है. वहीं, एक घायल का इलाज गांव में ही किया जा रहा है. घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पूरे गांव में मातम का माहौल है. दलदालिया दहुदाग की तरफ से आने वाला एक मात्र रास्ता यही है. घटना स्थल चरही से लगभग पांच किमी की दूरी पर है. एक ही गांव से तीन-तीन लोगों की मौत हो जाने से पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. ग्रामीणों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले हैं.
हादसे की कहानी, ग्रामीण की जुबानी
सदर अस्पताल में भर्ती सावित्री देवी के पति जलेश्वर महतो ने बताया कि सुबह में गांव की महिलाएं दूधी मिट्टी लाने के लिए गई थी. इस मिट्टी का उपयोग घर रंगने में किया जाता है. उनके साथ कई अन्य महिलाएं भी ट्रैक्टर पर सवार थीं. इस दौरान रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान अचानक से ट्रेन आ गई और ट्रैक्टर को अपनी चपेट में ले लिया. सभी घायल चरही के सरबाहा गांव के रहने वाले हैं.
नीलकंठ महतो ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की
घटनास्थल पर समाज के लोग और नेता भी पहुंचे हैं. नीलकंठ महतो ने कहा कि जहां हादसा हुआ है वहां घटना रेलवे फाटक लगाने की मांग ग्रामीण कई सालों से कर रहे हैं. लेकिन रेलवे प्रशासन ने आज तक सुध नहीं ली. अगर रेलवे फाटक होता तो आज यह घटना नहीं घटी होती. उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा देने की मांग की. अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं.
वर्षों से फाटक लगाने की मांग कर रहे थे ग्रामीण
घटना की सूचना पर समाज के लोग और स्थानीय नेता भी घटनास्थल पहुंचे थे. नीलकंठ महतो ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस जगह घटना हुई है, वहां ग्रामीण पिछले कई सालों से रेलवे फाटक लगाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन रेलवे प्रशासन ने आज तक संज्ञान नहीं लिया. इस कारण वहां यह घटना घटी है. अगर रेलवे फाटक होता, तो आज यह घटना नहीं घटी होती.