Hazaribag : डीसी नैंसी सहाय की अध्यक्षता में शुक्रवार को झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई. इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि यह कृषकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है. इसका प्रचार प्रसार गांव-गांव में किया जाना आवश्यक है. सहकारिता पदाधिकारी को उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक पंचायत के लिए अधिकारी की सूची तैयार करें, कार्य योजनाएं बनाने तथा कृषक संपर्क अभियान को पंचायत स्तर तक कार्यान्वित करायें.
योजना का करें प्रचार-प्रसार- डीसी
किसानों को संबंधित पोर्टल पर निबंधन के लिए प्रचार-प्रसार करने के लिए सीएससी सहित संबंधित पदाधिकारियों से उपायुक्त ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए प्रचार-प्रसार संबंधी गतिविधियों को कराएं. योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक किसानों की अधिकतम आच्छादन सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि इस मानसून अपेक्षाकृत कम बारिश से बिचड़ा रोपन का कार्य नहीं के बराबर हुआ है. इस कारण किसानों का एक बड़ा वर्ग प्रभावित हुआ है. राज्य सरकार उन सभी प्रभावित किसानों को राहत देने की मंशा से झारखंड राज्य फसल राहत योजना लेकर आयी है. उपायुक्त ने बताया कि खरीफ फसल मौसम 2022 के लिए निबंधन और आवेदन प्रारंभ है. आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2022 है. बैठक में अपर समाहर्ता राकेश रोशन, जिला कृषि पदाधिकारी राजेंद्र किशोर, जिला सहकारिता पदाधिकारी उमेश कुमार सिन्हा सभी प्रखंड के अंचलाधिकारी उपस्थित
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थे.
क्या है झारखंड राज्य फसल राहत योजना ?
फसल राहत योजना अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में सुनिश्चित वित्तीय सहायता दी जाएगी. योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम ( खरीफ एवं रबी) में ऑनलाइन निबंधन एवं आवेदन करना होगा. ऑनलाइन निबंधन एवं आवेदन स्वयं अथवा निकटतम प्रज्ञा केंद्र में कर सकते हैं. न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम पांच एकड़ के लिए निबंधन योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना है. प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण सीसीई के आधार पर किया जाएगा. 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ रुपए तीन हजार सहायता राशि दी जाएगी.
किसानों को मिलेगी सहायता राशि
50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ चार हजार रुपए सहायता राशि दी जाएगी. अधिकतम पांच एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी. सभी रैयत एवं बंटाईदार किसान, किसान झारखंड राज्य के निवासी हों, आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होना चाहिए, कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज/भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व-रसीद/राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती/पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भूस्वामी से सहमति पत्र, न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन, सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक, आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करना होगा. ऑनलाइन स्वयं या फिर कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीकरा कराया जा सकता है.
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रजिस्ट्रेशन और आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
आधार संख्या, मोबाइल संख्या, आधार संबंध बैंक खाता विवरण, अद्यतन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद( 31 मार्च 2022 तक भुगतान किया हुआ. वंशावली (मुखिया /ग्राम प्रधान/ राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत), सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा (बटाईदार किसान द्वारा), घोषणा पत्र (रैयत और बटाईदार किसान द्वारा),सहमति पत्र (बटाईदार किसान द्वारा), पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुआई के रकवा का पूर्ण विवरण जरूरी है.