Hazaribagh: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) की अखिल भारतीय कमिटी के आह्वान पर देश के 26 राज्य से हजारों छात्र प्रतिनिधि जंतर मंतर दिल्ली पहुंचे. इसमें झारखंड से 50 व हजारीबाग जिले से 6 प्रतिनिधि शामिल हुए. इसमें सदस्यों ने विभिन्न सवालों पर विमर्श किया. साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की मांग की.
संगठन के महासचिव सौरव घोष ने कहा कि कि इस कोरोना महामारी में जो सबसे बड़ी क्षति हुई है, वह शिक्षा है. तब सरकार को इस हालात में सुधार कर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक माहौल को बनाने का काम करना चाहिए था. तब ऐसे हालात में सरकार को ऐसी नीति को लागू करना चाहिए था. जो वर्तमान शिक्षा नीति में व्याप्त खामियों को दूर कर एक ऐसी शिक्षा नीति का निर्माण करती जो आम जनमानस की पहुंच में होता. लेकिन इसके विपरीत नई शिक्षा नीति 2020 को बिना किसी सार्थक चर्चा परिचर्चा और लोकसभा राज्यसभा में बहस कराए, जबरन देश के शिक्षण संस्थानों में थोप दिया जा रहा है.
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कहा कि यह शिक्षा नीति ना केवल शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण व संप्रदायिकरण को बढ़ावा देगी. यह नीति शिक्षा के आधारभूत सार तत्व और शिक्षा के उद्देश्य को ही समाप्त कर देगी. विभिन्न राज्यों के राज्य सचिव ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य नीति, नैतिकता, मूल्य बोध और इंसानियत को छात्रों के अंदर उतारना है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी. शिक्षा को बाजारू माल में तब्दील कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के द्वारा आम गरीब जनता के शोषण के रास्ते को खोल देगी. शिक्षा के मूल सारतत्व को बर्बाद करने वाली इस नीति को अविलंब विचार कर इसे वापस लिया जाए. इसमें हजारीबाग से जिला अध्यक्ष जीवन यादव, उपाध्यक्ष मो फ़ज़ल खान, उपेंद्र कुमार व अंशु अनमोल शामिल हुए थे.
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