Hazaribagh : हजारीबाग में जैन सुधि सम्मेलनका आयोजन किया गया. जिसमे मुनि श्री 108 निर्वेग सागर जी महाराज ने कहा कि जीवन को ऐसे जीएं, जैसे प्रत्येक दिन जीवन का अंतिम दिन है. अपना जीवन देव शास्त्र गुरु और मानवता की सेवा में लगाएं, तभी सच्चे अर्थों में जीवन की वास्तविकता कायम रहेगी.
सुधि सम्मेलन को मुनि शीतल सागर जी महाराज और एलक निजानंद सागर जी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा दूसरों के प्रति परोपकार की भावना प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए. दिल से राग द्वेष से हमें मुक्ति पाने के लिए सदैव सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए. बुजुर्गों को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा कि उन्हें घर परिवार में संतुलन बना कर चलना चाहिए. साथ ही आपसी सामंजस्य के साथ पूरे परिवार को एकजुट बनाकर रखना चाहिए. इसके लिए उन्हें उम्र के बढ़ते कदम के साथ-साथ सांसारिक मोहमाया का त्याग करना पड़ेगा. शाम में आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. वहीं चेलना सेठी ने योग और प्राणायाम शिविर में लोगों को इससे होनेवाले स्वास्थ्य लाभ की जानकारी दी.
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