दो की मौत, तीन रेफर, सात की बचाई गई जिंदगी
तनाव और अनियमित जीवनशैली बताई जा रही बीमारी की मुख्य वजह
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक हजारीबाग में एक माह में हार्ट अटैक के दर्जनभर मरीज भर्ती हुए. यह आंकड़ा अप्रैल का है. मई में भी हार्ट अटैक के दो मरीज भर्ती हुए हैं. इन दर्जनभर मरीजों में दो की मौत हो गई. वहीं गंभीर हालत देखते हुए तीन मरीजों को रांची रिम्स रेफर कर दिया गया. वहीं सात मरीजों की जिंदगी बचा ली गई. अप्रैल में हार्ट अटैक के जो भी मरीज आए उनकी उम्र 50 से 70 वर्ष के बीच है. इनमें 50 फीसदी महिलाएं शामिल हैं. कुल 13 मरीजों में महिलाओं की संख्या छह बताई गई. लेकिन इस बात की मेडिकल पुष्टि नहीं की गई कि महिलाओं की संख्या अधिक होने की कोई वजह है. यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि महिलाएं पुरुषों से अधिक तनाव में जीवन गुजारती हैं. हार्ट अटैक की मुख्य वजह तनाव और अनियमित जीवनशैली को बताया गया.
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अनियमित था खानपान, तंबाकू का करते थे सेवन
केस-1 : टंडवा के तेलियाडीह निवासी सुखलाल भुइयां (69 वर्ष) को दो दिन पहले हार्ट अटैक हुआ. वह दिहाड़ी मजदूर हैं. उनके परिजनों ने बताया कि तंबाकू, गुटका आदि का सेवन करते रहे हैं. भोजन करने का समय भी नियमित नहीं था. बाजार में तला-भुना खाना पसंद करते थे. अचानक सीने में दर्द शुरू हुआ, तो भर्ती हुए. डॉक्टर ने उन्हें हार्ट अटैक बता आईसीयू में भर्ती कराया है. उनका इलाज चल रहा है.
50 वर्ष की महिला को हार्ट अटैक
केस-2 : हजारीबाग लाखे निवासी मेरुनिशा (50 वर्ष) को पिछले माह हार्ट अटैक आया था. परिजनों ने उन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. उनकी हालत गंभीर देख उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया.
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बदलनी होगी जीवनशैली, नशापान से रहना होगा दूर : डॉ एके सिंह
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ अजय कुमार सिंह कहते हैं कि यहां 35 वर्ष तक के युवाओं के भी हार्ट अटैक के केस आए हैं. इसकी मुख्य वजह तनाव, अनियमित जीवनशैली और खानपान का दुष्प्रभाव है. हार्ट अटैक से बचना है, तो नशापान से दूर रहना होगा. गुटखा, तंबाकू, पान मशाला आदि से परहेज करें. चिकित्सकीय परामर्श के बाद 60 एमएल शराब का सेवन सेहत के लिए ठीक है. लेकिन उससे अधिक शराब की मात्रा सेहत का दुश्मन है. नित्य व्यायाम और ताजा व रेशेदार फल, सब्जियां और मोटे अनाज का सेवन सेहतमंद है. डीएस ने बताया कि भोजन वक्त पर लें और कम से कम छह घंटे गहरी नींद सोएं. अनावश्यक तनाव को दरकिनार करें. कोशिश करें कि ब्लड शुगर और बीपी नियंत्रित रहे. समय-समय पर इसकी जांच कराते रहें.