धारा 144 हटाने और डीजे बजाने की अनुमति देने की मांग पर अड़े
विधानसभा सत्र के दौरान भी विधायक ने उठाया मामला, सीएम से की अपील कि करें हस्तक्षेप
Hazaribagh : देशभर में हजारीबाग की रामनवमी की पहचान है. लेकिन इन दिनों रामनवमी को लेकर हजारीबाग में बवाल मचा है. तीन सनातनी पिछले दो दिनों से रामनवमी के मुद्दे पर बड़ा अखाड़ा के समीप आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. इसमें छात्र से लेकर इंजीनियर तक मौजूद हैं. उन लोगों की मांग है कि धारा-144 और डीजे पर पाबंदी हटाई जाए, डीजे को लेकर बीच का रास्ता निकाला जाए, साथ ही मंगला जुलूस की रात भड़काउ भाषण को लेकर जिन लोगों पर गलत इल्जाम लगाकर प्राथमिकी दर्ज की गई है, वह हटाई जाए. दरअसल जिला प्रशासन ने रामनवमी के दौरान प्रत्येक मंगलवार को निकलने वाले मंगला जुलूस के दौरान धारा-144 लगा दी है. इसमें यह उल्लेख किया गया है कि धारदार हथियार, डंडा, लाठी के साथ एक जगह एकत्र होना कानूनन अपराध है. वहीं प्रशासन ने जुलूस में डीजे नहीं बजाने को लेकर भी एलान किया. इस बात को लेकर हजारीबाग के सभी अखाड़े विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को जिन लोगों ने इसका विरोध किया, उसके प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.
इसे भी पढ़ें :सरयू का स्पीकर को पत्र, मंत्री बन्ना गुप्ता पर करें सदन की अवमानना की कार्रवाई
सरकार पर मनमानी का आरोप
धरने पर बैठे एवं विभिन्न अखाड़ों के सदस्यों का कहना है कि रामनवमी जुलूस में परंपरागत हथियार लाठी-डंडे के साथ पिछले 98 साल से प्रदर्शन किया जा रहा है. सरकार अब इस जुलूस के स्वरूप को ही बदलना चाहती है. इस कारण प्रशासन पर दबाव बनाकर षड्यंत्र रचा जा रहा है. उनका यह भी कहना है कि पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम के दौरान डीजे बजाया जाता है. लेकिन हजारीबाग में विशेषकर रामनवमी के दौरान सरकार मनमानी कर रही है, जो कहीं से सही नहीं है. सरकार का एकमात्र उद्देश्य है कि वह रामनवमी बंद करवा दें. पिछले तीन सालों से यह षड्यंत्र चल रहा है.
झारखंड विधानसभा में भी गूंजा मामला
हजारीबाग के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने भी झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हजारीबाग जिले में रामनवमी से पूर्व करीब पांच हजार लोगों पर 107 की कार्रवाई करने और प्रथम मंगला जुलूस के दिन डीजे पर पाबंदी का विरोध करने पर नौ लोगों को नामजद करते हुए 200 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को सदन पटल पर उठाया. उन्होंने अध्यक्ष के माध्यम से मंत्री से मांग की है कि हजारीबाग में जिस तरह से प्रशासन कार्रवाई कर रही है, इस पर हस्तक्षेप करें. यह हजारीबाग का पर्व ही नहीं है, बल्कि यहां की सभ्यता-संस्कृति का द्योतक है और इसका संबंध भारत की आजादी से भी है.
इसे भी पढ़ें :हजारीबाग : कुणाल बने रामनवमी महासमिति के अध्यक्ष, कहा- महिला सुरक्षा पहली प्राथमिकता
जेल जाने से लेकर प्राण त्यागने तक को आंदोलनकारी तैयार
अनशन पर बैठे इंजीनियर अमन कुमार का कहना है कि हम लोग अपनी मांग को लेकर अडिग हैं. प्रशासन हमारी मांग को नहीं सुनेगा, तो हम प्राण त्यागने के लिए भी तैयार हैं. उनका यह भी कहना है कि अगर अपनी बात रखना और अपने धर्म का प्रचार करना कानूनन अपराध है, तो वह ऐसा अपराध आगे भी करते रहेंगे. प्रशासन उनलोगों पर केस करता रहे, वे लोग जेल जाने के लिए भी तैयार हैं. वहीं करण उर्फ बप्पी भी धरने पर हैं. करण विद्यार्थी हैं और पिछले तीन बार से लगातार जेपीएससी परीक्षा में साक्षात्कार तक दे चुके हैं. उनका कहना है कि वह विद्यार्थी हैं और विद्यार्थी आंदोलन का मूल होता है. जिस तरह से प्रशासन ने जुलूस के दौरान धारा-144 लगाई है, यह सरासर गलत है. डीजे को लेकर जिला प्रशासन को बीच का रास्ता निकालना चाहिए. अस्त्र-शस्त्र जो रामनवमी की पहचान है, उसे बैन नहीं होना चाहिए. उनका यह भी कहना है कि जो शिक्षा किसी कार्य का नहीं, जिससे समाज की सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, नैतिक उत्थान न हो, वह शिक्षा किसी काम की नहीं है. इस कारण वह छात्र होने के बावजूद धरने पर हैं. यह धरना किसी राजनीति से प्रेरित नहीं है.