लालफीताशाही के चक्कर में फंस गया कैटरर संजय
आत्महत्या तक करने की कोशिश की, शिकायत पर नहीं हुई सुनवाई
नौ लाख के भुगतान के लिए मांगा जा रहा है छह लाख रुपए घूस
97 दिनों तक सितंबर से दिसंबर 2022 तक प्रशिक्षुकों को खिलाया खाना
Gaurav Prakash
Hazaribagh : लालफीताशाही के चक्कर में कैटरर संजय राम कुछ इस प्रकार फंस गया है कि अब वह आत्महत्या करने तक का प्रयास किया. संजय राम ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग वनपाल सह वनरक्षक प्रशिक्षण विद्यालय में 97 दिनों तक प्रशिक्षण पा रहे 71 सिपाहियों को भोजन कराया. एक साल बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया. आलम यह है कि 47 दिनों का बिल विभाग ने रोक रखा है. उसके एवज में छह लाख रुपए नजराना देने की मांग की गई है. अगर पैसे नहीं देगा, तो भुगतान भी नहीं किया जाएगा.
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संजय राम ने क्षेत्रीय वन पदाधिकारी अखिलेश कुमार चौधरी पर लगाया गंभीर आरोप
संजय राम ने जानकारी दी कि 97 दिनों तक तीन वक्त 71 सिपाहियों को भोजन कराया गया. इसमें 50 दिनों का बिल का भुगतान किया गया. 47 दिनों का बिल लगभग 9 लाख 10 हजार 220 रुपए बकाया है. मेन्यू में दूध से लेकर मीट-मछली तक शामिल था. वनपाल सह वनरक्षी प्रशिक्षण विद्यालय के क्षेत्रीय वन पदाधिकारी अखिलेश कुमार चौधरी ने भुगतान के लिए छह लाख रुपए की मांग की है. संजय ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे नहीं देने पर कहा गया कि भुगतान नहीं किया जाएगा.
श्रम विभाग ने भेजा पांच बार नोटिस, निदेशक ने नहीं दिया जवाब
कैटरर संजय राम ने श्रम आयुक्त के कार्यालय में आवेदन भी दिया है. प्रशिक्षण विद्यालय के डायरेक्टर को नोटिस भी जारी किया गया. पांच बार नोटिस पहुंचने के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया है. आलम यह है कि संजय राम आत्महत्या करने की कोशिश भी कर रहा है. शुक्रवार को भी उसने कुछ गलत कदम उठाने की कोशिश की, तो उनके सगे-संबंधियों ने उसे वन विभाग कार्यालय ले आया. उन्होंने फिर से यही गंभीर आरोप लगाया है. संजय राम का कहना है कि महिला समिति से लोन लेकर काम किया गया. लेकिन इस तरह वह जाल में फंस गया कि अब एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर चक्कर काट रहा है.
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कोई कमीशन की मांग नहीं की गई है : अखिलेश कुमार
इस बात को लेकर जब वनपाल सह वनरक्षी प्रशिक्षण विद्यालय के क्षेत्रीय वन पदाधिकारी अखिलेश कुमार चौधरी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कोई कमीशन की मांग नहीं की गई है. जो भी भुगतान था, वह कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भुगतान करने का कोई भी मामला अब नहीं बनता है. इस कारण यह सारा आरोप गलत है.
कैटरर के पास कैटरिंग का कोई कागज नहीं : निदेशक
कनहरी स्थित वन विभाग के प्रशिक्षण विद्यालय के डायरेक्टर जयप्रकाश भगत से जब यह मामला पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि 2022-23 का यह मामला है. उन्होंने 2023 जून में पदभार लिया है. इस कारण इस पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की जा सकती है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लेबर कोर्ट से भी यह मामला आया था. मामला संज्ञान में है, लेकिन अपने स्तर से कुछ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि संजय राम ने जो आरोप लगाया है, उसके पास किसी भी तरह का कागजात नहीं है, जो यह साबित करे कि उसने प्रशिक्षण विद्यालय में कैटरिंग का काम किया है. लेकिन संजय राम का कहना है कि पूरे कागजात और बिल के साथ उन्होंने आवेदन दिया है.
सकते में कैटरर, नहीं सूझ रहा कोई उपाय
बहरहाल संजय राम लाल फीताशाही के फेर में कुछ इस कदर फंस गया है कि उसके पास अब कोई भी उपाय नहीं दिख रहा है. वहां प्रशिक्षण विद्यालय के डायरेक्टर अपना पल्ला झाड़ते हुए दिख रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय वन पदाधिकारी वनपाल वनरक्षी प्रशिक्षण विद्यालय अखिलेश कुमार चौधरी ने सारे आरोप को गलत बताते हुए भुगतान नहीं बनने की बात भी कह रहे हैं.