- शहर में तीन दिनों से गंदा पानी हो रहा सप्लाई, करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित
- 19 फीट बचा है जलस्तर, 15 फीट के बाद काम नहीं करेगी मशीन
- शहरवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा नगर निगम : सीटू
Amarnath Pathak/Pramod Upadhyay
Hazaribagh : अब बारिश नहीं हुई, तो छड़वा डैम का जलस्तर नीचे गिर जाएगा और फिर शहर में पानी का सप्लाई ठप हो जाएगी. फिलहाल छड़वा डैम का जलस्तर 19 फीट है. और चार फीट जलस्तर गिरते ही 15 फीट के नीचे आने से पेयजलापूर्ति ठप हो जाएगी. इसका असर अभी से ही दिखने लगा है कि शहर में तीन दिनों से कम और गंदे पानी की आपूर्ति की जा रही है. इससे करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित है. मेन रोड, ओकनी, न्यू एरिया, खीरगांव, सरदार चौक, कुम्हारटोली समेत कई इलाकों में पेयजलापूर्ति नहीं होने से लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं. खीरगांव में चापाकलों की किल्लत भी है. इस संबंध में सीपीएम नेता गणेश कुमार वर्मा उर्फ सीटू ने कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि शहरवासियों के जीवन के साथ नगर निगम खिलवाड़ कर रहा है. हजारीबाग नगर निगम की एक बड़ी आबादी छड़वा डैम से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से सप्लाई किए जाने वाले पीने के पानी पर निर्भर है. 28 और 29 अगस्त को नाम मात्र का पानी बिना फिल्टर किए हुए शहर वासियों के लिए सप्लाई किया गया. वहीं 30 अगस्त को भी दो से तीन मिनट ही नल से पानी गिरे.
जब तक पानी पंचायत रही, तो ठीक ढंग से होती रही आपूर्ति
वर्ष 07-08 में जब तक पानी पंचायत कमेटी रही, तब तक ठीक ढंग से शहरवासियों को पानी की आपूर्ति होती रही. कमेटी में शामिल सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने बताया कि पानी पंचायत कमेटी में उनके अलावा डॉ सुकल्याण मोइत्रा, गौतम सागर राणा, अर्जुन यादव, नेहरू यादव, स्वरूपचंद जैन आदि शामिल थे. उनलोगों ने सेवाने, कोनार और महाने नदी मिलाकर डैम बनाने और फिर शहरवासियों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति हो पाती. लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका. उस वक्त छड़वा डैम की साफ-सफाई भी कराई गई थी. फिर कभी उस पर पहल नहीं की गई. तत्कालीन कमिश्नर एनएन पांडेय के जाने के बाद कमेटी को ही खत्म कर दिया गया.
सीपीएम नेता ने कमिश्नर को लिखे पत्र में बताया है कि वर्ष 1954 में शहर की आबादी को देखते हुए छड़वा डैम का निर्माण करवाया गया था, ताकि शहर वासियों को पीने का स्वच्छ पानी दिया जा सके. इसके लिए छड़वा डैम के पास ही फिल्टर प्लांट लगाया गया था, जो अब भी चल रहा है. लेकिन दु:खद बात यह है कि 69 वर्षों बाद भी इस छड़वा डैम से शहर वासियों को पीने का पानी की सप्लाई हो रही है, जबकि जनसंख्या इन 69 वर्षों में कई गुना बढ़ गई है. साथ ही छड़वा डैम में पानी रखने की क्षमता लगातार घटती जा रही है.
ठेकेदारी प्रथा के बाद जानकारी भी नहीं दी जाती : सीटू
कमिश्नर को लिखे पत्र में कहा गया है कि शहर वासियों को समय पर पानी न देना और बिना फिल्टर किए हुए पानी देना यह न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह एक आपराधिक कृत्य भी है. बरसात के मौसम में गंदा पानी पीने से शरीर में कई तरह की बीमारी हो सकती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो जाती है. नगर निगम सारे टैक्सों के अलावा पानी का अलग से टैक्स ले रही है, तो समय पर स्वच्छ एवं पीने लायक पानी सप्लाई करवाने की जिम्मेदारी भी नगर निगम की है. पानी सप्लाई का जिम्मा जब से ठेकेदारों को दे दिया गया है, तब से समय पर पानी न देना, बिना फिल्टर किए पानी देना आम बात हो गई है.
नगर आयुक्त से लगाई गुहार, दी आंदोलन की चेतावनी
सीटू ने शहरवासियों के हित में नगर आयुक्त से मांग की है कि इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए पानी सप्लाई में सुधार करने एवं स्वच्छ पानी का सप्लाई की गारंटी नगर निगम करें अन्यथा पार्टी जिला कमेटी बाध्य होकर आंदोलन करेगी.
पतला पाइप का हवाला दे एक-दूसरे पर थोप रहे जिम्मेवारी
पीएचइडी हजारीबाग अंचल के अधीक्षण अभियंता विजय कुमार एडविन ने पतला पाइप का हवाला देकर नगर निगम पर जिम्मेवारी थोप दी. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने पतला पाइप लगाया है. इस वजह से कई जगह पाइप फट भी गया है. वहीं छड़वा डैम का जलस्तर भी कम हो गया है. चार मोटर की जगह दो मोटर ही काम कर रहे हैं. इन वजहों से शहरवासियों से एक ही वक्त पानी दिया जा रहा है. पानी साफ ही दिया जा रहा है. पेयजलापूर्ति के लिए बहाल पुराने ठेकेदार को बदल कर नए को ठेका दे दिया गया है. प्रत्येक वर्ष टेंडर के अनुसार ठेकेदार बदलते हैं. वहीं नगर निगम के सिटी मैनेजर अरुण कुमार बाउरी का कहना है कि एल एंड टी कंपनी की ओर से पाइप लगाया गया है. उसमें अभी पानी नहीं जा रहा है. उसे टंकी से जोड़ा ही नहीं गया है. इसमें नगर निगम की कोई भूमिका नहीं है.
15 दिनों से नहीं हो रही पेयजलापूर्ति : शरीफ हसन
सरदार चौक निवासी शरीफ हसन का कहना है कि उनके यहां 15 दिनों से पानी नहीं मिल रहा है. पेयजल के लिए परेशानी हो गई है. जैसे-तैसे कर पीने के पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. नगर निगम वाटर टैक्स लेता है, लेकिन पब्लिक की परेशानी से उसे कोई मतलब नहीं है.
30 रुपए का पानी हर दिन खरीद रहे : दीपू सिंह
न्यू एरिया निवासी दीपू सिंह कहते हैं कि उनके यहां भी जलापूर्ति नहीं हो रही है. 30 रुपए का जार का पानी हर दिन खरीद रहे हैं. ऐसी हालत कभी नहीं हुई थी. अगर वाटर टैक्स नगर निगम ले रहा है, तो नागरिक सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं.
पाइप बिछाया हुआ है, पानी नहीं है : संतोष कुमार
कुम्हारटोली निवासी संतोष कुमार का कहना है कि उनके यहां पाइप बिछाकर छोड़ दिया गया है, लेकिन एक बूंद पानी नसीब नहीं है. चापाकल से पानी लेते हैं. सप्लाई वाटर तो मुहल्ले में जैसे सपना बनकर रह गया है. व्यवस्था छिन्न-भिन्न है, किसी को कोई मतलब नहीं है.
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