कामेश्वर भुइयां स्वयं मां काली का प्रतिमा बना करते है पूजा अर्चना
साल 1994 में पहली बार धनबाद में की थी पूजा
Chauparaan: चौपारण प्रखंड बच्छई पंचायत के ग्राम सेवई के कामेश्वर भुइयां 1994 से निरंतर मां काली की प्रतिमा स्वयं बना कर पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मैं बचपन में धनबाद में रहता था. जहां धूमधाम से मां काली का पूजा होती है. जिसे देख कर मन में मुझे मां काली के प्रति अपार आस्था व विश्वास भर गया और मैंने धनबाद में ही 1994 में मां काली की प्रतिमा बना कर पूजा शुरू की थी. चार साल धनबाद में मां काली की प्रतिमा बना कर पूजा अर्चना करने के उपरांत 1998 में पैतृक गांव सेवई आ जाना पड़ा. कामेश्वर भुइयां ने कहा कि घर आने के बाद गांव में मां काली की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना की बात रखी, तो पूरे गांव के लोगों ने मदद करने का आश्वासन देते हुए हौसला बढ़ाया. निरंतर मां काली की प्रतिमा स्थापित कर दीपावली की रात पूजा अर्चना करते आ रहे हैं.
इसे भी पढ़ें-युवती की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत, पड़ोस गांव के युवक पर हत्या का आरोप समेत गिरिडीह की दो खबरें
बुधवार को मां काली की प्रतिमा का होगा विसर्जन
सोमवार को पहली बार थाना प्रभारी शंभू नंद ईश्वर की पत्नी ने सेवई पूजा स्थल आकर मां काली का पूजा की. मां काली की खोंछा भराई की रस्म की. जिससे गांव के महिला-पुरुष एवम बच्चों में आस्था की एक नयी खुशी झलक उठी. इस संबंध में थाना प्रभारी ईश्वर ने कहा कि पत्नी वर्षो से मां काली की पूजा अर्चना करने के उपरांत मन्नत का खोंछा भराई करती आ रही हैं. चौपारण में रहने के कारण इस वर्ष यहां पर पूजा अर्चना की. कामेश्वर भुइयां ने बताया कि मां काली की प्रतिमा का विसर्जन बुधवार को किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें-हजारीबाग : चौपारण में बिका 30 लाख के पटाखे, जमकर हुई आतिशबाजी