Hazaribagh: बीमा कर्मचारी संघ की हजारीबाग इकाई ने सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम के निजीकरण का विरोध किया. साल 1956 में 5 करोड़ की लागत से भारतीय जीवन बीमा निगम की शुरुआत हुई थी.
इसे भी पढ़ें- कीनन स्टेडियम में शुरू हुआ पहला रात्रि वैक्सीनेशन केंद्र, एक दिन में 10 हज़ार लोग भी ऑफलाइन मोड में ले सकते हैं टीका
कर्मचारी संघ नाराज
जानकारी के अनुसार लगातार लाभ में चलने के बावजूद भारत सरकार की ओर से इसे बेचे जाने से बीमा कर्मचारी संघ नाराज है. संघ के कर्मचारियों ने कड़ा ऐतराज जताया है. संघ के हजारीबाग अध्यक्ष एमके प्रसाद ने कहा कि LIC जनता के पैसे को लगातार जनहित में प्रयोग करते हुए सफलता के नए नए आयाम गढ़े हैं. बावजूद इसके एलआईसी को बेचा जा रहा है. भारत सरकार का यह फैसला दूर्भाग्यपूर्ण है. जेनरल सेक्रेटरी जेसी मित्तल ने सरकार के इस नीति को देशहित व देशवासियों के लिए घातक कदम बताते हुए LIC के बेचे जाने के फैसले को वापस लेने की मांग की
इसे भी पढ़ें- भाजमो बारीडीह मंडल के 10 नम्बर बस्ती की स्थानीय समिति के अध्यक्ष बने दिनेश व महासचिव रामाधार