रामनगर देवी मंडप पूजा समिति की अनोखी पहल, वृद्धाओं के मायूस चेहरों पर खिली मुस्कान
वृद्धाश्रम की माताओं को दी गई दो-दो साड़ियां
पुरोहित और समिति के सदस्यों ने लिया निर्णय
Hazaribagh: रामनगर देवी मंडप पूजा समिति ने हजारीबाग वृद्ध आश्रम में रहने वाली महिलाओं के चेहरे पर खुशी देने का प्रयास किया है. दरअसल, नौ दिनों तक मां की आराधना के दौरान के ऐसे कई भक्त होते हैं, जो मां भवानी को साड़ी और शृंगार के सामान चढ़ाते हैं. यह एक परंपरा भी है कि सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए ऐसा करती हैं. वहीं, जब प्रतिमा विसर्जित हो जाती हैं, तो वह साड़ी आमतौर पर पुरोहित ले जाते हैं या फिर समाज के अन्य लोगों के बीच आशीर्वाद स्वरूप दे दिया जाता है. लेकिन, रामनगर देवी मंडप के पुरोहित निखिल बनर्जी और समिति के सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि साड़ी वृद्धाश्रम में रहने वाली महिलाओं के बीच बांट दिया जाए.
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साड़ी मिली तो हो गईं खुश
विजयदशमी के बाद एकादशी को वृद्धाश्रम में रहने वाली प्रत्येक महिलाओं को दो-दो साड़ियां भेंट स्वरूप दी गई. वृद्धाश्रम में प्राय वहीं महिलाएं रहती हैं, जिन्हें उनके अपनों ने ठुकरा दिया है. त्योहार में उन्हें उपहार स्वरूप मां शेरावाली पर चढ़ी हुई साड़ी मिली, तो उनकी आंखें खुशी से छलक उठीं. इस पुनीत काम में रामनगर देवी मंडप पूजा समिति के अध्यक्ष भैया सुजीत कुमार अखिल, उपाध्यक्ष भैया मुकेश, संजय झा, शिवानंद वर्मा, टूटू सिंह, रामनगर निवासी बप्पी करण, शिवपुरी निवासी मनोज वर्मा, कदमा निवासी रोशन सिंह, लखन सिन्हा, संजीव सिन्हा समेत कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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माताओं को खुशी देने का प्रयास : भैया सुजीत
इस उपलक्ष्य में रामनगर देवी मंडप पूजा समिति के अध्यक्ष भैया सुजीत कुमार अखिल ने कहा कि एक छोटा सा प्रयास किया गया. इसका उद्देश्य उन माताओं को खुशी देना है, जो ओल्ड एज होम में रह रही हैं. हर एक व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि मां जिसने जन्म दिया, उससे बड़ा कोई नहीं है. वहीं, बप्पी करण ने कहा कि आमतौर पर चढ़ी हुई साड़ी पुरोहित ले जाते हैं. लेकिन इस परंपरा से हटकर पुरोहित निखिल बनर्जी और पूजा समिति के सदस्यों द्वारा लिया गया फैसला काबिले तारीफ है. लगभग 40 से 50 साड़ी उन मां को दिया गया, जिन्हें उनके परिवार वालों ने ठुकरा दिया है. समाज के लोगों को भी इस तरह का काम करना चाहिए.