Hazaribagh : हजारीबाग नगर निगम ने विभिन्न योजनाओं पर वर्ष 2018 से 23 के बीच करोड़ों रुपए खर्च किए. लेकिन नगर निगम का ड्रीम प्रोजेक्ट पांच वर्षों में पूरा नहीं हुआ. इनमें विद्युत शवदाह गृह, अंतरराज्यीय बस अड्डा और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल हैं. साथ ही सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल भी निगम की ओर से नहीं लगाया जा सका. इस बात को लेकर हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने दुख भी जाहिर किया है.
पीसी कर उन्होंने कहा कि नागरिक सुविधा मद में 13 करोड़ 41 लाख 31हजार 804 रुपए खर्च किए गए. अगर योजना की बात की जाए, तो 2019-20 में 33, 20 -21 में छह, 21-22 में 55 और 22- 23 में आठ योजनाएं धरातल पर उतारी गईं.
शहरी परिवहन में 12 करोड़ 81 लाख 96 हजार 262 रूपए खर्च किए गए. 2019-20 में 41, 20- 21 में एक, 21-22 में 46 और 22- 23 में 10 योजनाएं धरातल पर उतारी गईं.
14वीं वित्त योजना के तहत 11 करोड़ 57 लाख पांच हजार 447 रुपए खर्च किए गए. वर्ष 2022-23 में सामग्री खरीदारी में 6 करोड़ 55 लाख 9 हजार 716 रुपए खर्च किए गए. वहीं इस वर्ष 36 योजनाओं को धरातल पर उतारा गया, जिसमें 13 करोड़ 10 लाख 9 हजार 36 रुपए खर्च किए गए.
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15वें वित्त से पांच योजनाओं पर काम किया गया, जिसमें 2018-19 में 5 करोड़ 94 लाख 62 हजार 930 रुपए खर्च किए गए . इस कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5799 लोगों को आवास प्रदान किया गया. 285 लोगों को कोलघट्टी में गृह प्रवेश कराया गया. वहीं 1465 वृद्धा पेंशन, 635 विधवा पेंशन और 107 दिव्यांग पेंशन दिया गया.